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Property rights: अगर इतने वर्ष तक प्रॉपर्टी पर हुआ कब्जा, तो वही माना जाएगा मालिक

Property rights: सभी का सपना होता है की किराए के मकान में रहने से अच्छा अपना मकान हो। अधिकतर लोग यही कहते हैं की खुद का घर तो खुद का ही होता है। किराए पर रहने से उन्हें मकान मालिक की मनमानी के अलावा भी बहुत सी समस्याएं होती है। परंतु अधिक समय तक किराए पर रहने से एक खास नियम से फायदा मिल सकता है। यदि आप किसी भी एक घर में कई सालों तक रहते हैं तो आप उस संपत्ति के मालिक बन सकते हैं। यह नियम किराएदार को उनके रहने के समय के आधार पर घर का अधिकार देने के लिए बनाया गया है। ऐसे में एक लंबे समय तक किराए पर रहने से आपको कानूनी रूप से उस घर पर अपना अधिकार मिल सकता है।

आजकल अधिकतर लोग बेहतर जिवन शैली और रोजगार के लिए एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते हैं। इनमें से अधिकांश लोग किराए पर ही घर लेकर रहते हैं। यदि कोई व्यक्ति किसी घर में लंबे समय तक जैसे की 12 साल से अधिक रहता है तो एक विशेष कानूनी प्रावधान के तहत उसे उस घर का मालिकाना हक मिल सकता है। यह नियम किराएदार को कानूनी तरीके से संपत्ति पर कब्जा देने के लिए बनाया गया है ताकि जिससे वह मकान मालिक बन सके।

किराएदार प्रॉपर्टी पर कब्जे का दावा कब कर सकता है

अंग्रेजों के द्वारा बनाया गया कानून प्रतिकूल कब्जा एक कानून है, इस कानून के तहत कोई भी व्यक्ति अगर किसी घर या जगह पर 12 साल तक बिना रोक-टोक के रहता है तो वह उस घर ,जगह पर अधिकार पा सकता है। इस समय के दौरान मकान मालिक को दूसरे व्यक्ति के वहां पर रहने पर कोई आपत्ती दर्ज नहीं होनी चाहिए और वह जगह लगातार किराएदार के कब्जे में होनी चाहिए। ऐसे में व्यक्ति उस स्थान के मालिक होने का दावा कर सकता है। इस अधिकार को वह व्यक्ति साबित करने के लिए पानी, बिजली के बिल या अन्य दस्तावेजों का भी उपयोग कर सकता है जो यह दिखाते हो कि वह 12 साल से लंबे समय से यहां पर रह रहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया था यह फैसला

कोर्ट ने किरायेदार व प्रॉपर्टी पर मलिकाना हक के मामले में एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि अगर कोई व्यक्ति किसी प्रॉपर्टी पर 12 साल तक बिना किसी विवाद के रहता है तो वह वही उस जगह का मालिक माना जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने यह साफ कर दिया था कि अगर 12 साल तक उस जगह पर कोई दूसरा व्यक्ति दावा नहीं करता है तो कब्जा करने वाला व्यक्ति उस जगह का मालिक बन जाएगा। यह कानून एडवर्स पजेशन में भी दिया गया है। यह फैसला नहीं की संपत्ति से संबंधित है यानी सरकारी जमीन पर यह लागू नहीं होता है यह निर्णय जमीन से जुड़े विवादों में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने पलटा 2014 के पुराने फैसले को

सुप्रीम कोर्ट ने 2014 के अपने पुराने फेसले को ही बदल दिया।
तीन जजों के बेच ने कहा कि अगर किसी जगह पर कोई व्यक्ति दावा नहीं ठोकता है और कोई किरायेदार 12 साल से उस जगह पर रह रहा है तो उसे उस जगह का मालिकाना हक दे दिया जाएगा । यह नया फैसला पहले की निर्णय के विपरीत है। और यह अधिकार पाने वाले व्यक्ति के पक्ष में है जो लंबे समय से उस स्थान पर रह रहा है।

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