800 मीटर दौड़कर ही बन सकेंगे पुलिस उपनिरीक्षक
भोपाल 4 नवम्बर (इ खबरटुडे)। मध्यप्रदेश पुलिस में भर्ती के लिए शारीरिक दक्षता परीक्षा नियम को बदलने में हो रही देरी के चलते इस माह उपनिरीक्षकों की शारीरिक दक्षता परीक्षा पुराने नियम से ही होगी। उम्मीदवारों को सिर्फ 800 मीटर की दौड़ लगाकर दमखम साबित करना होगा। यह भर्ती परीक्षा गत वर्ष चुने गए उम्मीदवारों के लिए है।
पुलिस मुख्यालय शारीरिक दक्षता परीक्षा में 800 मीटर की दौड़ के अलावा 100 मीटर दौड़, लंबी कूद व गोला फेंक का इम्तिहान फिर जोड़ने की कवायद में है। इसके लिए शासन के पास प्रस्ताव लंबित है। पुलिस व गृह महकमे के वरिष्ठ अफसर इस पर सैद्धांतिक सहमति दे चुके हैं। औपचारिक निर्णय नहीं होने तक भर्ती में प्रचलित नियम ही लागू होगा।
बताते हैं कि पुलिस बल में वर्ष 2015 की लगभग 12 हजार भर्तियां प्रस्तावित हैं। यह प्रक्रिया अगले वर्ष तक पूरी होगी। इसमें पुलिस महकमा बल में चुस्त-दुरुस्त पुलिसकर्मियों की आमद हेतु शारीरिक दक्षता परीक्षा में नए नियम जोड़ना चाहता है। इसमें निरीक्षकों के 242,उपनिरीक्षकों के 240, सहायक उप निरीक्षक 707, प्रध्ाान आरक्षक 1056 व आरक्षकों के 1999 व एसएएफ के दो हजार पदों पर भर्ती होगी। इसके बाद जिला बल में रिक्त छह हजार आरक्षकों के पदों पर भर्ती का नंबर आएगा।
फिलहाल बच गए उम्मीदवार: वर्ष 2012 में उपनिरीक्षक-सूबेदार की लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले 20 और वर्ष 2014 में उत्तीर्ण 3744 उम्मीदवारों को अब सिर्फ 800 मीटर की दौड़ में खरा उतरना होगा। वर्ष 2012 के 20 उम्मीदवारों की लिखित परीक्षा का नतीजा देरी से आने से इन्हें तब शारीरिक दक्षता परीक्षा में शामिल नहीं किया गया था। यह दक्षता परीक्षा 19 से 26 नवंबर तक भोपाल में मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में होगी।
अजाजजा उम्मीदवारों का टीए अब बैंक के जरिए
इस महीने हो रही भर्ती परीक्षा के लिए पुलिस ने अनुसूचित जाति व जनजाति के उम्मीदवारों को आने-जाने का खर्च बैंक खाते के जरिए देने का फैसला किया है। एडीजी (चयन) प्रमोद फलणीकर के मुताबिक उम्मीदवारों को अपनी बैंक पास-बुक के पहले पेज की फोटोकॉपी व आईएफएससी कोड देना होगा। पुलिस महकमा टीए की राशि बैंक खाते मंे भेज देगी। यदि किसी उम्मीदवार का बैंक खाता नहीं है, तो वह अपने माता-पिता के खाते की पास-बुक की फोटोकॉपी दे सकता है। ज्ञात हो पहले पुलिस इन उम्मीदवारों को भर्ती के दौरान ही नकद भुगतान करती थी। गड़बड़ी से बचने नियम बदला गया है।