संसद में 13वें दिन भी नहीं हुआ कोई काम
नई दिल्ली,21मार्च (ई खबर टुडे)। यह क्या हो रहा है? राज्यसभा में सभापति वेंकैया नायडू बुधवार को लगातार जारी हंगामे से हैरान दिखे। लोकसभा में भी नजारा सत्र के पिछले 13 दिनों जैसा था और कुछ मिनटों की कार्यवाही में ही सदन पूरे दिन के लिए स्थगित हो गया। सरकार और विपक्ष के बीच आंध्र को विशेष दर्जा समेत कई मुद्दों को लेकर जारी मतभेद से इस बार संसद का सत्र बुरी तरह से प्रभावित हुआ है।
बुधवार को भी दोनों सदनों में कोई कामकाज नहीं हो सका। लोकसभा में हंगामे के चलते अविश्वास प्रस्ताव भी पेश नहीं हो सका। सदन की कार्यवाही पहले एक घंटे के लिए और बाद में पूरे दिन के लिए स्थगित हो गई। उच्च सदन में भी जमकर हंगामा और नारेबाजी हुई। आखिरकार सभापति को राज्यसभा की कार्यवाही 5 मिनट बाद ही स्थगित करनी पड़ी।
लोकसभा में बुधवार को लगातार 13वें दिन प्रश्नकाल हंगामे की भेंट चढ़ गया। तेलंगाना में आरक्षण से जुड़े मुद्दे पर तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) और कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड के गठन की मांग को लेकर AIADMK के भारी हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही बाधित हुई। गौरतलब है कि बजट सत्र के दूसरे चरण में हंगामे के कारण तीसरे सप्ताह में भी कोई कामकाज नहीं हो पा रहा है।
लोकसभा में लगे नारे
लोकसभा की कार्यवाही बुधवार सुबह जैसे ही शुरू हुई तो AIADMK और TRS के सदस्य नारेबाजी करते हुए अध्यक्ष के आसन के पास पहुंच गए। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने प्रश्नकाल चलाने का प्रयास किया लेकिन हंगामा बढ़ता देख उन्होंने सदन की कार्यवाही पहले एक घंटे और बाद में दिनभर के लिए स्थगित कर दी। AIADMK और TRS के सदस्य ‘वी वॉन्ट जस्टिस’ के नारे लगा रहे थे। TRS के सदस्यों ने ‘एक राष्ट्र, एक नीति’ की मांग वाली तख्तियां भी ले रखी थीं।
बजट सत्र का दूसरा चरण 5 मार्च को शुरू होने के बाद से लोकसभा की कार्यवाही पीएनबी धोखाधड़ी मामले, आंध्र प्रदेश के लिए विशेष दर्जे की मांग और तेलंगाना में आरक्षण के मुद्दे समेत कई मसलों पर रोजाना बाधित हो रही है।
राज्यसभा में भी भारी हंगामा
राज्यसभा की बैठक आज भी शुरू होने के कुछ ही देर बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। आज भी शून्यकाल और प्रश्नकाल हंगामे की भेंट चढ़ गए । सुबह 11 बजे उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति एम. वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसके बाद उन्होंने शून्यकाल शुरू करने का ऐलान किया और मनोनीत सदस्य के. टी. एस. तुलसी का नाम पुकारा।