संसद में बोले राजनाथ सिंह, चीन ने पैंगोंग में घुसने को कोशिश की लेकिन सीमाएं सुरक्षित हैं और हमारे जवान मातृभूमि की रक्षा में डटे हुए हैं
नई दिल्ली,15 सितम्बर (इ खबरटुडे)। मानसून सत्र के दूसरा दिन भारत और चीन के बीच जारी गतिरोध के पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में कहा कि यह एक बड़ा मुद्दा है और इसका हल शांतिपूर्ण और बातचीत से निकाला जाना चाहिए। सीमा पर शांति बनाए रखना जरूरी है। राजनाथ सिंह ने हाल ही में रूस की राजधानी मॉस्को में चीन के रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंग से मुलाकात की थी। वहीं कांग्रेस ने पहले ही दिन काम रोको प्रस्ताव लाकर साफ संकेत दे दिया कि वह इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की पूरी कोशिश करेगी।
चीन ने पैंगोंग में घुसने की कोशिश की
राजनाथ सिंह ने कहा कि दोनों देशों को यथास्थिति बनाए रखना चाहिए और शांति और सद्भाव सुनिश्चित करना चाहिए। चीन भी यही कहता है लेकिन तभी 29-30 अगस्त की रात्रि में फिर से चीन ने पैंगोंग में घुसने की कोशिश की लेकिन हमारे सैनिकों ने प्रयास विफल कर दिए। मैं सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि सीमाएं सुरक्षित हैं और हमारे जवान मातृभूमि की रक्षा में डटे हुए हैं।
38,000 स्क्वायर किलोमीटर भूमि पर चीन का कब्जा
रक्षा मंत्री ने कहा कि यह सदन अवगत है चाईना, भारत की लगभग 38,000 स्क्वायर किलोमीटर भूमि का अनधिकृत कब्जा लद्दाख में किए हुए है। इसके अलावा, 1963 में एक तथाकथित बाउंडरी एग्रीमेंट के तहत, पाकिस्तान ने PoK की 5180 स्क्वायर किलोमीटर भारतीय जमीन अवैध रूप से चाईना को सौंप दी है। यह भी बताना चाहता हूँ कि अभी तक भारत-चीन के बॉर्डर इलाके में कॉमनली डेलीनिएटिड LAC नहीं है और LAC को लेकर दोनों की धारणा अलग-अलग है।
हमारे जवानों ने कड़ा संदेश दिया
अप्रैल माह से लद्दाख की सीमा पर चीन के सैनिकों और हथियारों में वृद्धि देखी गई। चीन की सेना ने हमारी पट्रोलिंग में बाधा उत्पन्न की जिसकी वजह से यह स्थित बनी। हमारे बहादुर जवानों ने चीनी सेना को भारी क्षति पहुंचाई है और सीमा की भी सुरक्षा की। हमारे जवानों ने जहां शौर्य की जरूरत थी शौर्य दिखाया और जहां शांति की जरूरत थी शांति रखी।
चीन पर रक्षामंत्री का बयान
राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लद्दाख का दौरा कर हमारे जवानों से मुलाकात की। उन्होंने यह संदेश भी दिया था वह हमारे वीर जवानों के साथ खड़े हैं। मैंने भी लद्दाख जाकर अपने यूनिट के साथ समय बिताया था। मैं आपको यह बताना चाहता हूं कि उनके साहस शौर्य और पराक्रम को महसूस भी किया था।