रतलाम शहर की मूक बधिर दर्शना ने बोर्ड परीक्षा में 75.6 अंक प्राप्त कर पाई सफलता
रतलाम,6 जुलाई (इ खबरटुडे)। शारीरिक अक्षमता व्यक्ति की योग्यता को प्रभावित नहीं करती है, इसका उदाहरण रतलाम शहर की दर्शना रामचंद्र गोखले ने प्रस्तुत किया है। अपने मूक बधिर अभिभावकों से मूक बधिर जन्म लेने के बावजूद दर्शना का शैक्षणिक स्तर बचपन से ही उत्कृष्ट रहा है।
वर्तमान में कक्षा दसवीं की बोर्ड परीक्षा संस्कृत एवं सामाजिक विज्ञान में विशेष योग्यता के साथ दर्शना ने 75.6 अंक अर्जित कर पास की है। यहां यह उल्लेखनीय है कि परीक्षा के समय में दर्शना डेंग्यू बुखार से भी पीड़ित रही है।
अपने दादा शरद गोखले एवं दादी डॉ अनुराधा गोखले के साथ कस्तूरबा नगर में निवासरत छात्रा की सफलता के प्रति उसके माता पिता उसकी सफलता के प्रति प्रसन्नता अभिव्यक्त की हैं और साईश्री एकेडमी के सम्पूर्ण शिक्षकों का आभार व्यक्त किया। वही महाराष्ट्र समाज दर्शना की इस उपलब्धि पर गौरवान्वित है। उसकी इस उपलब्धि पर मित्र परिचितों से लगातार बधाई संदेश प्राप्त हो रहे हैं।