योग के लिए विश्वस्तरीय पुरस्कार स्थापित करें भारत
समाजसेवी राजेश घोटीकर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिख कर दिया सुझाव
रतलाम,22 जून (इ खबरटुडे)। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर पूरे विश्व ने योग की महत्ता को स्वीकार करते हुए विश्व योग दिवस मनाया। अब भारत को योग के लिए अन्तर्राष्ट्रिय स्तर पर पुरस्कार स्थापित करना चाहिए,जिससे कि न सिर्फ योग का महत्व अन्तर्राष्ट्रिय स्तर पर बढेगा बल्कि विश्व पटल पर भारत का सम्मान भी बढेगा।
यह सुझाव समाजसेवी राजेश घोटीकर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखे एक पत्र में दिया है। अपने पत्र में श्री घोटीकर ने कहा कि आज विश्व में नोबल और रमन मैगसेसे जैसे पुरस्कार चर्चित है। विश्व भर के लोग इन पुरस्कारों को प्राप्त करना अपना सौभाग्य समझते है। भारत की पहल पर योग को विश्वस्तरीय मान्यता मिलने के बाद अब हमारे सामने यह सुनहरा मौका है कि हम योग को स्थापित करने के लिए योग पर आधारित अन्तर्राष्ट्रिय पुरस्कार घोषित करें। इस पुरस्कार के प्रारंभ होने से दुनियाभर में यह तथ्य रेखांकित हो सकेगा कि योग विश्व को भारत की देन है।
श्री घोटीकर ने अपने सुझाव को विस्तार से बताते हुए पत्र में लिखा है कि अन्तर्राष्ट्रिय योग पुरस्कार दो श्रेणियों में दिया जाना चाहिए। पहला पुरस्कार व्यक्तिगत स्तर का हो,जिसमें योग ज्ञान का प्रचार प्रसात करने वाले योग प्रशिक्षक को यह पुरस्कार दिया जाए। दूसरा स्तर राष्ट्र स्तर का हो,जिसमें वर्ष भर के दौरान योग के लिए सर्वाधिक कार्य करने वाले राष्ट्र के राष्ट्राध्यक्ष को यह पुरस्कार दिया जाए। इन पुरस्कारों को महर्षि पतंजलि भारत योग विश्व पुरस्कार तथा भारत महर्षि पतंजलि योग प्रोत्साहन पुरस्कार जैसे नाम दिए जा सकते है। ये पुरस्कार प्रत्येक गणतंत्र दिवस पर भारत के महामहिम राष्ट्रपति द्वारा उस देश के राष्ट्राध्यक्ष तथा उस व्यक्ति को दिया जाए,जिसका कि चयन योग विशेषज्ञों की समिति द्वारा किया गया हो।
श्री घोटीकर ने अपने पत्र में कहा है कि योग के इन पुरस्कारों के चयन के लिए योग गुरु बाबा रामदेव व श्रीश्री रविशंकर जैसे दस महत्वपूर्ण दस व्यक्तियों की चयन समिति बनाई जाए। इस चयन समिति में छ: भारतीय योग विशेषज्ञ तथा चार अन्तर्राष्ट्रिय समुदाय के योग विशेषज्ञ रखें जाए। चयन समिति दुनियाभर में चल रही योग गतिविधियों का आकलन कर पुरस्कारों के लिए उपयुक्त व्यक्ति व राष्ट्र का चयन करें। इसी तरह भारत के निवासियों के लिए भारत कीर्ति योग पदक प्रदान किया जा सकता है।
श्री घोटीकर ने आशा व्यक्त की है कि इस तरह के अन्तर्राष्ट्रिय पुरस्कार की स्थापना के बाद इस पुरस्कार का महत्व भी नोबल और रमन मैगसेसे पुरस्कार जैसा हो जाएगा। साथ ही इन पुरस्कारों के कारण योग की लोकप्रियता विश्व में नई ऊं चाईयों को स्पर्श कर सकेगी। साथ ही योग,विश्व को भारत की देन है,यह तथ्य भी निर्विवाद रुप से स्थापित हो सकेगा।