December 24, 2024

मामला उजागर होने पर डॉ. राजेश शर्मा ने झाड़ा पल्ला , कहा महिलाओं का जलना केवल एक हादसा

rajesh sharma

रतलाम,05 मार्च(इ खबरटुडे)।शहर के मध्य स्थित डिस्ट्रिक्ट होम्योपैथिक कॉलेज के हॉस्टल में प्रबंधन की लापरवाही से मेस में भोजन बनाते समय आग में झुलसी 4 महिलाओ का मामला उजागर होने पर संचालक डॉ राजेश शर्मा ने अपना बयान देते हुए कहा कि भोजन बनाने के दौरान महिलाओं का हाथ जलना केवल एक हादसा रहा। डॉ राजेश शर्मा ने कहा कि मेस का काम कालेज प्रबंधन द्वारा अनुबंधित सांई भोजनालय रतलाम द्वारा देखा जाता है। इससे उनका का कोई संबंध नहीं है।इन तरह की सफाई से यही स्पष्ट होता है की डॉ. राजेश शर्मा अपने कॉलेज में हो रही लापरवाही को नज़र अंदाज कर रहे है,चाहे ऐसी घटना भविष्य में कॉलेज काम करने वाले कर्मचारियों या विद्यार्थियों के लिए जानलेवा ही साबित क्यू ना हो।प्राप्त जानकारी के अनुसार हादसा 22 फरवरी को हुआ। संचालकों ने घटना को 6 दिन दबाए रखा और महिलाओं को अपने ही श्रद्धा नर्सिंगहोम में भर्ती कर लिया। तीन महिलाएं घर चली गईं थी । चौथी महिला को घर ले जाने के लिए दबाव बनाया तो उसके बेटे ने औद्योगिक क्षेत्र थाने व एसपी को शिकायत की। लेकिन पुलिस ने हादसा डॉ राजेश शर्मा के कॉलेज का होने के कारण पांच दिन तक मामला दबाकर रखा और कार्रवाई नहीं की। लेकिन जब मामला शने-शने अखबारों व मीडिया तक पहुंचा तब औद्योगिक पुलिस हरकत में आई और श्रृद्धा नर्सिंग होम में जाकर भर्ती मीना पति महेंद्रसिंह सोहल के बयान दर्ज किये। घटना को लेकर संचालक डॉ. राजेश शर्मा से  संपर्क करने का प्रयास किया तो डॉ. राजेश शर्मा ने मोबाईल रिसीव नहीं किया।
पीडित महिला के बेटे ने पूर्व में मीडिया को बताया कि प्रबंधन ने इलाज का आश्वासन दिया था। प्रबंधन से पुलिस को बताने का कहा तो नौकरी से हटाने की धमकी दी। हर दो-तीन दिन बाद मां का इलाज बंद कर रहे थे । उपचार के लिए प्रबंधन से बार-बार विवाद करना पड़ रहा था । यदि ठीक से इलाज नहीं हुआ तो इंफेक्शन होने का खतरा था ,लेकिन प्रबंधन ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया।
ये हुआ पूरा घटना क्रम
22 फरवरी को काटजूनगर स्थित हॉस्टल की मेस में काम करने वाली मीना सोहल, हीराबाई, प्रेमलता व छोटी आपा भोजन बना रही थीं। प्रेमलता रोटियां बेल रही थीं, मीना व हीराबाई सेंक रही थीं। एक सिलेंडर की गैस खत्म हुई तो छोटी आपा ने दूसरे में रेग्युलेटर लगाया। तभी सिलेंडर ने आग पकड़ ली। इससे अफरा-तफरी मच गई। हाथ व चेहरे में लपट लगने पर प्रेमलता बाहर भागीं। छोटी आपा, मीना व हीराबाई के हाथ-पैर भी झुलस गए। कपड़ों के आग पकड़ने से मीना की पीठ भी झुलस गई। घटना से घबराई महिलाएं चिल्लाईं तो होस्टल व नर्सिंग स्टाफ भी आ गया और पानी डालकर आग बुझाई। प्रबंधन ने ताबड़तोड़ में घायल महिलाओं को श्रद्धा नर्सिंगहोम ले जाकर भर्ती करा दिया।

You may have missed

Here can be your custom HTML or Shortcode

This will close in 20 seconds