November 18, 2024

मंत्रिमंडल के संतुलन में बुंदेलखंड और विंध्य पिछड़ेंगे

भोपाल,18 दिसम्बर (इ खबरटुडे)। मुख्यमंत्री कमलनाथ के मंत्रिमंडल में इस बार क्षेत्रीय संतुलन में मालवा और महाकोशल तो जातीय आधार पर अजा-जजा के साथ राजपूत-ओबीसी मंत्रियों की संख्या ज्यादा रहेगी। विंध्य और बुंदेलखंड क्षेत्र से पार्टी के ज्यादा विधायक नहीं जीतने के कारण इन क्षेत्रों के मंत्रिमंडल में पिछड़ने की संभावना है।

नाथ अपने गृह जिले से दो मंत्री बना सकते हैं। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद कमलनाथ ने मीडिया से चर्चा में कहा है कि अभी तक मंत्रिमंडल को लेकर कोई विचार नहीं किया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से चर्चा कर मंत्रिमंडल बनाया जाएगा। मंत्रिमंडल में क्षेत्रीय, जातीय संतुलन के साथ वरिष्ठता को ध्यान में रखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने दो-तीन दिन में इस पर विचार करने की बात कही है। इसके बाद मंत्रिमंडल की शपथ होगी।

कुछ इस तरह गणित बैठाया जा सकता है मंत्रिमंडल में
मालवा और निमाड़– इस क्षेत्र से अजा और अजजा के मंत्रियों की संख्या ज्यादा होगी। इनमें बाला बच्चन, सज्जन सिंह वर्मा, डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ, हुकुमसिंह कराड़ा, जीतू पटवारी, झूमा सोलंकी, उमंग सिंघार, तुलसीराम सिलावट, सुरेंद्र सिंह बघेल हनी और निर्दलीय विधायक ठा.सुरेंद्र सिंह शेरा भैया प्रमुख हैं।

डॉ. साधौ का नाम विस अध्यक्ष के लिए भी चर्चा में है। सिख समाज को प्रतिनिधित्व देने हरदीप डंग को भी लिया जा सकता है।

ग्वालियर-चंबल- क्षेत्र में वरिष्ठतम विधायक डॉ. गोविंद सिंह प्रबल दावेदार हैं, लेकिन उनका नाम विधानसभा अध्यक्ष के लिए चल रहा है। उनके अलावा केपी सिंह, लक्ष्मण सिंह, एंदलसिंह कंसाना, लाखन सिंह यादव और इमरती देवी के नाम भी नाथ मंत्रिमंडल के लिए चर्चाओं में बने हैं।

महाकोशल- यहां से 9 विधायकों के नाम चल रहे हैं। इनमें दो ब्राह्मण तरुण भनोत और संजय शर्मा हैं। पांच नाम अजा और अजजा के हैं, जिनमें लखन घनघोरिया, सोहन वाल्मिकी, एनपी प्रजापति, ओमकार मरकाम व योगेंद्र सिंह हैं। ओबीसी से हिना कांवरे की चर्चा है। वहीं, निर्दलीय विधायक प्रदीप जायसवाल का मंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा है।

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