बंगाली समाज स्वर्णकार एसोसिएशन ने दिया सराफा हड़ताल को समर्थन
हड़ताल से बंगाली स्वर्ण आभूषण कारीगरों पर भी आर्थिक संकट
रतलाम,09 मार्च(इ खबरटुडे)। एक्साइज ड्यूटी के विरोध में सराफा एसोसिएशन द्वारा की जा रही आनिश्चिकालीन हड़ताल का बंगाली समाज स्वर्णकार एसोसिएशन ने भी समर्थन किया है। एसोसिएशन ने भारत सरकार से सराफा व्यापारियों की जायज मांग का तत्काल निराकरण करने की मांग की है। हड़ताल के चलते बंगाली स्वर्णकार आभू्षण कारीगरों पर भी आर्थिक संकट गहराने लगा है। कई कारीगर अपने-अपने गांव लौट गए हैं। एक सप्ताह से जारी हड़ताल से उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर हो गई है और कई लोगों को इधर-उधर से उधार लेकर परिवार का भरण पोषण करना पड़ा रहा है।
बंगाली समाज स्वर्णकार एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहम्मद फारूख शेख ने बताया कि बंगाली कारीगर पूरी तरह सराफा व्यापार से जुड़े हैं और वे आभूषणों की बेहतरीन डिजाइन करते हैं। रतलाम में तीन हजार से अधिक कारीगर आभूषणों का निर्माण करते हैं। उनके परिवार को भरण पोषण इस कार्य पर निर्भर हैं। सराफा व्यापारियों की हड़ताल के चलते उनका काम भी ठप पड़ा है और कारीगरों को सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। आठ दिन से काम नहीं मिलने से कारीगर परेशान हैं और बेरोजगार होकर इधर-उधर भटक रहे हैं। उनके सामने बिजली बिल भरने, घर चलाने और बीमार होने पर बच्चों व परिजनों का इलाज कराने की समस्या भी खड़ी हो रही है। ऐसे में वे कर्जा लेकर अपना काम चला रहा है। शासन को एक्साइज ड्यूटी का आदेश वापस लेकर हड़ताल खत्म कराना चाहिए। सराफा व्यापारियों की हड़ताल से व्यापारियों को भी नुकसान हो रहा है और सराफा बाजार से जुड़े होटल, पान, अन्य खानपान, सराफा से जुड़े वाहन संचालकों आदि को भी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा रहा है। वहीं विवाह समारोह वाले परिवार अपने बच्चों के लिए आभूषण बनवाने व खरीदने के लिए परेशान हो रहे हैं।