प्रभाकर जी केलकर के निधन से न सिर्फ किसान संघ को वरन पूरे देश को अपूरणीय क्षति,पढ़िए श्री केलकर ज़ी का जीवन परिचय
भोपाल,30 अक्टूबर(इ खबर टुडे)। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक एवं भारतीय किसान संघ के उपाध्यक्ष श्री प्रभाकर जी केलकर का शुक्रवार दोपहर भोपाल के एक निजी अस्पताल में 71 वर्ष की आयु में निधन हो गया। केलकर पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ थे। स्वर्गीय श्री केलकर का अंतिम संस्कार शनिवार 31 मार्च को उज्जैन के चक्रतीर्थ मुक्तिधाम पर किया जाएगा।
श्री केलकर के निधन का समाचार फैलते ही संघ के स्वयंसेवको और किसान संघ के कार्यकर्ताओं में शोक की लहर फैल गई। कुशल संगठक स्वर्गीय श्री केलकर ने प्रचारक जीवन का लंबा समय मध्यप्रदेश में कार्य करते हुए गुजारा था। मध्यप्रदेश में उनके द्वारा तैयार किये गये हजारो कार्यकर्ता राष्ट्र कार्य से जुड़े हुए हैं।
श्री केलकर का जीवन परिचय
स्वर्गीय श्री केलकर बाल्यकाल से ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के संपर्क में आ गए थे ,1975 में आपातकाल के दौरान वे पूरे समय निरुद्ध रहें और कारावास के दौरान उन्होंने अपना पूरा जीवन राष्ट्रीय कार्य को समर्पित करने का संकल्प ले लिया था। आपातकाल के समाप्त होने के बाद ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक के रूप में राष्ट्र कार्य में लग गए थे ।
स्वर्गीय श्री केलकर ने प्रांत के कई जिलों में जिला प्रचारक एवं विभाग प्रचारक के रूप में कार्य किया और हजारों निष्ठावान समर्पित कार्यकर्ताओं को तैयार किया। वह लंबे समय तक रतलाम-मंदसौर में विभाग प्रचारक रहे। इसी दौरान राम जन्मभूमि आंदोलन में भी उन्होंने सक्रिय भूमिका निभाई और उन्हीं की प्रेरणा से रतलाम मंदसौर क्षेत्र के हजारों राम भक्तों ने अयोध्या पहुंचकर कार सेवा में हिस्सेदारी की थी।
वर्ष 1995- 96 में स्वर्गीय श्री केलकर को भारतीय किसान संघ के मध्य प्रदेश के संगठन मंत्री का दायित्व दिया गया। भारतीय किसान संघ के प्रदेश संगठन मंत्री के रूप में उन्होंने पूरे मध्य प्रदेश का सघन प्रवास किया और पूरे प्रदेश के किसानों को संगठित कर जागरूक किया। उनके संगठन मंत्री रहने के दौरान मध्य प्रदेश के किसानों की अनेक समस्याओं के लिए आंदोलन किए गए। इस दौरान श्री केलकर के नेतृत्व में बिजली समस्या ,कृषि उपज मंडी में किसानों को होने वाली परेशानी जैसे मुद्दों पर अनेक किसान आंदोलन हुए। उनकी कार्य क्षमता को देखते हुए बाद में उन्हें भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय मंत्री का दायित्व सौंपा गया। इस दौरान भी श्री केलकर ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी भूमिका का सफलतापूर्वक निर्वाह किया।
उस समय पूरे देश पर विश्व व्यापार संगठन डब्ल्यूटीओ (WTO) का खतरा मंडरा रहा था। उस समय डब्ल्यूटीओ (WTO) के खिलाफ स्व दत्तोपंत ठेंगड़ी ने राष्ट्रव्यापी आंदोलन खड़ा किया। उस दौरान केलकर जी ने किसानों को डब्ल्यूटीओ (WTO) के विरोध में संगठित किया। इस दौरान केलकर जी के संगठन कौशल को देखते हुए वर्ष 2009 में उन्हें भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय महामंत्री का दायित्व सौंपा गया। पूरे संगठन का दायित्व दिए जाने के साथ ही उनका केंद्र दिल्ली हो गया था।
राष्ट्रीय महामंत्री रहते हुए श्री केलकर ने सुदूर पूर्वोत्तर के राज्यों से लगाकर देश के प्रत्येक राज्य का प्रवास किया और भारतीय किसान संघ को एक नई दिशा दी ,उनके कार्यकाल के दौरान भारतीय किसान संघ का देश के प्रत्येक राज्य में मजबूत संगठन खड़ा हो गया। श्री केलकर ने किसानों को संगठित करने के बाद किसानों को लागत के आधार पर फसलों का लाभकारी मूल्य दिलवाने के लिए राष्ट्रव्यापी किसान आंदोलन शुरू किया। इस आंदोलन के दौरान दिल्ली के रामलीला मैदान में लाखों किसानों की ऐतिहासिक रैली आयोजित की गई थी। आंदोलन के दौरान श्री केलकर ने किसानों की समस्याओं को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से भेंट कर उन्हें किसानों की समस्याओं से अवगत कराया।
वर्ष 2014 के बाद स्वर्गीय श्री केलकर को उपाध्यक्ष का दायित्व दिया गया ,नई दिल्ली में किसान संघ के कार्यालय के भवन का निर्माण भी उन्हीं के प्रयासों का परिणाम था। पिछले कुछ समय से उन्होंने भोपाल को अपना केंद्र बना लिया था। स्वर्गीय श्री केलकर ओजस्वी वक्ता थे, कुशल संगठक थे, वह बहुत अच्छे गायक भी थे और संघ गीतों का मधुर गायन श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर देता था ,वे कवि और गीतकार भी थे। उनका व्यक्तित्व बहुआयामी था। उनके निधन से न सिर्फ किसान संघ को वरन पूरे देश को अपूरणीय क्षति हुई है।