परिवहन विभाग में अव्यवस्थाओं का आलम
काम नहीं होने से वाहन मालिकों को दिक्कतें
रतलाम,7 जुलाई (इ खबरटुडे)। जिले का परिवहन महकमा इन दिनों अव्यवस्थाओं के आलम में कैद है। परिवहन विभाग में कई काम जानबूझकर नहीं किए जा रहे हैं,जिससे वाहन मालिकों को भारी परेशानी उठाना पड रही है।
परिवहन विभाग के सूत्रों के मुताबिक जिन वाहन मालिकों ने 8 जून से पहले किसी काम के लिए आवेदन प्रस्तुत किए थे,वे सभी परेशान है। नवागत परिवहन अधिकारी ने आठ जून से पहले के तमाम फाईलों पर हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि विगत कुछ महीनों से परिवहन कार्यालय अस्तव्यस्त सा चल रहा है। वर्तमान परिवहन अधिकारी के रतलाम आगमन से पहले जेसी मीणा परिवहन अधिकारी के रुप में पदस्थ थे। वे रतलाम में रहना नहीं चाहते थे,इसलिए वे लगातार डेढ महीने तक अवकाश पर रहे थे। उनके अवकाश की अवधि के दौरान परिवहन अधिकारी का चार्ज उज्जैन के परिवहन अधिकारी को दिया गया था। फिर कुछ दिनों तक परिवहन अधिकारी का चार्ज मन्दसौर आरटीओ को दे दिया गया। आठ जून तक परिवहन कार्यालय में इसी तरह की अस्तव्यस्तता चलती रही। आठ जून को नवागत आरटीओ वीरेन्द्र दाते यहां पदस्थ हुए।
आरटीओ कार्यालय की अस्तव्यस्तता का खामियाजा उन लोगों को भुगतना पड रहा है,जिन्होने इस अवधि में किसी काम के लिए आवेदन दिए थे और शुल्क जमा करवाया था। वाहन ट्रांसफर आदि की फाइलों में वाहन चालकों ने शुल्क तो जमा करवा दिया,लेकिन आरटीओ के हस्ताक्षर नहीं हो पाए थे। आरटीओ सूत्रों के मुताबिक नवागत आरटीओ ने ऐसी समस्त फाईलों पर हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया है। उन्होने साफ कह दिया है कि उस समय जिस अधिकारी के पास चार्ज था,उसी के हस्ताक्षर करवा कर लाइए,तभी आपका काम होगा। वाहन मालिकों को अब कोई रास्ता नहीं सूझ रहा है।
कार्यालय के कर्मचारियों की शिकायत यह भी है कि नवागत आरटीओ वाहन फिटनेस जैसे कार्य कार्यालय के कर्मचारियों से करवाने की बजाय अपने निजी ड्राइवर से करवा रहे हैं। कर्मचारियों को लगता है कि उनके अधिकारी को उन पर विश्वास ही नहीं है।
बहरहाल,इन सब बातों के चलते जिले का परिवहन कार्यालय इन दिनों दिक्कतों का पर्याय बना हुआ है। राज्य शासन ने यहां के अधिकांश काम आनलाईन करके नागरिकों की दिक्कतें कम करने की कोशिश की है,लेकिन अधिकारियों की हठधर्मिता के कारण जनता परेशान है।