नोटबंदी ऐतिहासिक फैसला, देश के लोगों ने निर्णय का स्वागत किया : जेटली
नयी दिल्ली,22नवम्बर (इ खबरटुडे)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भाजपा संसदीय दल की बैठक को संबोधित किया. इस दौरान नोटबंदी पर विपक्ष के विरोध को लेकर उन्होंने इसकी खूबियां गिनायी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संबोधन में भावुक भी हो गये. वहीं, वित्तमंत्री अरुण जेटली ने अपने लंबे संबोधन में नोटबंदी की खूबियां गिनायीं. उन्होंने कहा कि ईमानदार नोटबंदी के साथ हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी न भारतीय जनता पार्टी के सांसदों को संबोधित करते हुए कहा, हमारी सरकार गरीबों की भलाई के लिए है. 70 सालों के कालेधन से गरीब परेशान हैं. उन्होंने कहा कि यह फैसला गरीब व मध्यमवर्ग के हित में है. कृपा करके इस फैसले को सर्जिकल स्ट्राइक ना कहें.
पीएम नरेंद्र मोदी के संबोधन के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी नोटबंदी पर सरकार का पक्ष बैठक में मजबूती से रखा. उन्होंने कहा, यह फैसला ऐतिहासिक है. कई सालों से कैश में ब्लैक पैसे लेने का चलन था. प्रधानमंत्री ने इसे खत्म कर दिया. यह बड़ा बदलाव है. ईमानदार लोग इस फैसले के साथ हैं. कैश में कारोबार से कालेधन को बढ़ावा मिलता है. डिजिटल एकाउंट से सारी जानकारी मिल जायेगी. इस फैसले से गरीबी मिटाने में मदद मिलेगी.
विपक्ष पर निशाना साधते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, कुछ लोग कहते हैं मोदी अपने मंत्रियों से बात नहीं करते, वित्त मंत्री को भी मालूम नहीं था. फिर कहते हैं पार्टी के लोगों को बता दिया. यह कैसे हो सकता है? मोदी सरकार का यह फैसला कई मायनों में सही है. अगर लोग ईमानदारी से टैक्स भरेंगे तो उधार नहीं लेना पड़ेगा. अभी 4-5 लाख करोड़ उधार लेना पड़ता है. हमें इनकम टैक्स से सिर्फ 16 लाख करोड़ आता है. अर्थव्यवस्था से इस फैसले को मदद मिलेगी.
अरुण जेटली ने 1996 में मुंबई में हुए भारतीय जनता पार्टी के एक अधिवेशन को याद किया. हमने पहली बार पार्टी की तरफ से सात मोबाइल फोन खरीदे थे. उस वक्त मीडिया में खबर थी कि भाजपा के लोगों ने मोबाइल खरीदा है.
कैशलेस के बढ़ते चलन का जिक्र करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, मोबाइल फोन का जिक्र अमीर आदमी को लेकर होता था. आज मोबाइल कितनी सुविधाएं दे रहा है. कई चीजें डिजिटल हो गयी हैं. डिजिटल उपयोगकर्ताओं की संख्या बढ़ रही है. मोदी सरकार की उपल्ब्धियां गिनाते हुए जेटली ने कहा, मोदी सरकार का पहला फैसला ही ब्लैक मनी के खिलाफ था. हमने पहले एसआइटी बनायी. दूसरी जनधन योजना था. इसके बाद हमने कालेधन वालों को मौका दिया कि अपना कालाधन सार्वजनिक करो. हमने 45 प्रतिशत टैक्स में जमा कराने का अवसर दिया. ढाई साल का यह कदम 70 सालों के कालेधन को खत्म करने वाला था. आप 70 सालों की बैलेंस शीट और इन ढाई सालों की तुलना कर लीजिए. जो ढाई साल में हुआ वो 70 साल में नहीं हुआ. नोटबंदी से थोड़े दिन के लिए दिक्कत है.