निर्माण के नाम पर सिर्फ भ्रष्टाचार,एक बार फिर सवालों के घेरे में नगर निगम
रतलाम,27 फरवरी (इ खबरटुडे)।रतलाम नगर निगम के ठेकेदारों के घटिया निर्माण का एक नया मामला सामने आया है। जहाँ ठेकेदार अपनी जेबे भरने के लिए छोटे से लेकर बड़े निर्माण कार्यो का ठेका का अपने हाथ में तो लेते है। लेकिन उस निर्माण की गुणवता का ध्यान बिल्कुल भी नही रखते है। ऐसे ही एक नया घटिया निर्माण का मामला सामने आया है. जहाँ निर्माण के चार दिन बाद मरम्मत किया गया पुलिया का भाग नीचे नाले में धंस गया।
सुभाष नगर में स्थित नाले के ऊपर क्षतिग्रस्त पुलिया के निर्माण का कार्य नगर निगम के ठेकेदार रतन सिंह ने किया था.लेकिन निर्माण के चार दिन बाद मरम्मत किया गया पुलिया का भाग नीचे नाले में धंस गया। जब यह हादसा हुआ तब पुलिया से एक निजी स्कूल बस गुजर रही थी.गनीमत रही की कोई बड़ा हादसा नही हुआ।
नाला भी पूरी तरह से बंद
पुलिया धंस ने कारण नीचे गुजरने वाला नाला भी पूरी तरह से बंद हो गया है जिसे आसपास के घरो में गन्दा पानी घूस रहा है। मलबा ज्यादा होने के कारण सफाईकर्मी भी सफाई नही कर पा रहे है।
जब इस मामले में नगर निगम के सिटी इंजीनियर नागेश वर्मा से इ खबर टुडे ने बात की तो सिटी इंजीनियर ने कोई संतोषपद जवाब नही दिया। निर्माण कार्यों की निगरानी के लिए नगर निगम में सिटी इंजीनियर का कार्य शासन से नियुक्ति निर्माण कार्यों की गुणवत्ता बनाए रखने और घटिया सामग्री लगाए जाने पर उच्च अधिकारियों को जानकारी देने की है। लेकिन न तो सिटी इंजीनियर क्षेत्र में निर्माण कार्यों की निगरानी करने नहीं पहुंचता है और न ही निर्माण कार्यों की गुणवत्ता बनाए रखने की ओर कोई ध्यान देता है जिसमें सीधे-सीधे कमीशन का खेल उजागर हो रहा है।
निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल पर अभी तक कोई भी जांच नहीं हुई है .इस क्षतिग्रस्त पुलिया के कारण आसपास के कई परिवार परेशान हैं। उन्हें प्रतिदिन इस क्षतिग्रस्त पुलियाओं से होकर आना-जाना करना पडता है। ऐसे में कभी भी कोई हादसा हो सकता है।
आमलोगों के दिए जाने वाले कर(टैक्स )का दुरुपयोग
इस मामले में ठेकेदार रतन सिंह का कहना है कि पुलिया के मरम्मत के चार दिन बाद वह निर्माण कच्चा था,लेकिन हमने रास्ता बंद नही किया था ,जिसके कारण स्कुल बस पुलिया से गुजरी और निर्माण कच्चा होने के कारण धंस गई। देखा जाए तो अगर ठेकेदार ऐसी लापरवाही करता है तो नगर निगम को तो आर्थिक हानि होती है लेकिन आमलोगों के द्वरा नगर निगम को दिए जाने वाले कर (टैक्स ) का भी दुरुपयोग होता है। लेकिन इन सब की चिंता किये बिना नगर निगम के कर्मचारी और ठेकेदार अपनी मनमानी करते रहते है और परेशानी आम जनता को होती है।
शहर में घटिया सामग्री से भ्रष्टाचार की नाली और सड़क निर्माण आम बात है। अनेकों बार उंगलियां उठ चुकी हैं। निगम के दामन पर दाग लग चुके हैं। उसके बाद भी नगर निगम निर्माण विभाग के अधिकारी गंभीर होने को तैयार नहीं हैं। निर्माण में भ्रष्टाचार का मामला नया नहीं है। क्षेत्रीय जनता ही नहीं बल्कि पार्षद ने घटिया सामग्री से नाली और सड़क निर्माण की शिकायत निगम अफसरों से की। लेकिन न तो निर्माण कार्य की गुणवत्ता में सुधार कराया गया और न ही कोई कार्रवाई।