ट्रंप का टर्म हुआ शुरू, चुनी सबसे अमीर कैबिनेट, दिया अमेरिका फर्स्ट का नारा
अमेरिका 21 जनवरी(इ खबरटूडे)।एक भव्य और शालीन समारोह में अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रंप की ताजपोशी हो गई है. बेहद भव्य जिंदगी जीने वाले ट्रंप का शपथ ग्रहण समारोह भी उतना ही भव्य रहा. 9 लाख से ज्यादा लोगों का जमावड़ा अमेरिका में बदलाव की अंगड़ाई को दिखा रहा था.
चीफ जस्टिस जॉन रॉबर्ट्स ने ट्रंप को अमेरिका की किस्मत संवारने की शपथ दिलाई. ट्रंप ने उसी बाइबल पर हाथ रखकर शपथ ली, जिस पर हाथ रखकर 156 साल पहले अमेरिका के सबसे महान राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने शपथ ली थी. ट्रंप ने एक और बाइबल लेकर शपथ ली, जिसे उनकी मां ने उन्हें बचपन में दिया था.
संयोग से डोनाल्ड ट्रंप जिस रिपब्लिकन पार्टी से संबंध रखते हैं, उसी पार्टी से अब्राहम लिंकन भी थे. लेकिन लिंकन की शख्सियत इतनी बड़ी थी कि पार्टियों की लकीर छोटी हो गई. व्हाइट हाउस से विदा हो रहे बराक ओबामा ने भी लिंकन की बाइबल पर ही शपथ ली थी और अब ट्रंप ने भी यही किया. लिंकन ने अमेरिका में एक बड़े तबके की गुलामी मिटाई थी. अमेरिका को सबसे महान लोकतंत्र बनाया और अब ट्रंप अमेरिका को महान देश बनाने की दुहाई दे रहे हैं.
अमेरिका फर्स्ट का अर्थ
ट्रंप ने अपने भाषण में ‘मेक इन अमेरिका’ का नारा दिया और अमेरिकियों के सपने, नौकरियां और समृद्धि लौटाने का वादा किया. उन्होंने साफ कहा, ‘हम दो नियमों को फॉलो करेंगे- बाइ अमेरिकन, हायर अमेरिकन.’ उनके इस भाषण से माना जा रहा है कि ट्रंप आने वाले समय में नौकरी के लिए विदेशियों को जारी होने वाले वीजा के नियमों को लेकर सख्त नीतियां अपना सकते हैं.
सबसे अमीर कैबिनेट
अमेरिका को फिर से महान बनाने के लिए ट्रंप ने अब तक की सबसे अमीर कैबिनेट भी बना ली है. ट्रंप ने वाणिज्य मंत्री के लिए जानेमाने निवेशक विलबर रॉस को चुना है जिनकी संपत्ति करीब 17000 करोड़ रुपये है. जबकि शिक्षा मंत्री बेट्सी डेवोस को बना रहे हैं जो ट्रंप सरकार की सबसे अमीर मंत्री होंगी. ट्रंप से भी ज्यादा इनकी संपत्ति 33000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा है. आतंरिक मामलों का मंत्री जिस रयान जिंके को ट्रंप बनाने जा रहे हैं, वो जमीन ड्रिलिंग और माइनिंग के बिजनेस से जुड़े हुए हैं. वहीं विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन बनाए जा रहे हैं जो काफी अमीर माने जाते हैं. वित्त मंत्री स्टीवन म्नुचिन को बनाया जा रहा है जो हॉलीवुड के मशहूर प्रोड्यूसर हैं. ट्रंप ने रक्षा मंत्री पद के लिए जेम्स मैटिस को चुना है जो एक रिटायर्ड मरीन कॉर्प्स जनरल हैं. वही अटॉर्नी जनरल के लिए जेफ सेशंस को चुना गया है जो नस्लभेदी बयानों के चलते विवादों में रहे हैं. ट्रंप की कैबिनेट पर डॉलर की चमक भले बिखरी हो लेकिन ज्यादातर चेहरों पर गंभीर सवाल भी हैं. विरोधी सवाल उठा रहे हैं लेकिन ट्रंप के समर्थक कह रहे हैं कि वो सब कुछ ठीक कर देंगे.
आतंकवाद पर निशाना
डोनाल्ड ट्रंप ने इस्लामिक आतंकवाद पर तीखा हमला बोला. अपने भाषण में उन्होंने कहा, ‘हम दुनिया की ताकतों को कट्टरपंथी इस्लामिक आतंकवाद के खिलाफ जंग के लिए एक करेंगे. हम इस धरती से आतंकवाद का सफाया कर देंगे.’ ट्रंप की इस भाषा को आतंकवाद के खिलाफ उनके कड़े रुख का उदाहरण माना जा रहा है. दरअसल ट्रंप लगातार यह कहते रहे हैं कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में ऐसी भाषा से बड़ा असर पड़ता है.
भारतीयों की नौकरी पर खतरा
अमेरिका में रहने वाले हिंदुस्तानियों का एक कोना ट्रंप के उस बयान से सहमा हुआ है कि नौकरियां अमेरिका के लोगों को ही मिलेगी. अमेरिका में चार लाख नौकरियां भारतीय आईटी कंपनियां मुहैया कराती हैं. इसके जरिए अमेरिका को सालाना करीब 33 हजार करोड़ रुपये का टैक्स मिलता है. लेकिन करीब एक साल पहले ही अमेरिका के श्रम विभाग ने ही एक रिपोर्ट पेश की थी कि 2022 तक 4 लाख 45 हजार कंप्यूटर प्रोफेशनल कम हो जाएंगे. ऐसे में अमेरिका फर्स्ट की ट्रंप की नीति भारत को भयंकर नुकसान पहुंचा सकती है.