December 24, 2024

जल संसाधन के अधीक्षण यंत्री पर लोकायुक्त में प्राथमिकी दर्ज

रतलाम पदस्थी के दौरान की थी गड़बड़

उज्जैन,31 मई(इ खबरटुडे) । जल संसाधन विभाग के अधीक्षण यंत्री प्रतापसिंह बघेल पर लोकायुक्त ने प्राथमिकी जाँच पंजीबध्द की है। उनके विरुध्द यह जाँच रतलाम में पदस्थी के दौरान की गई गड़बड़ी को लेकर संस्थित हुई है। रतलाम में कार्यपालन यंत्री के पद पर रहते हुए उन्होंने पद का दुरुपयोग किया। निर्माण कार्य पूर्ण हुए बिना बिलों का भुगतान किया। शासन को लाखों की हानि पहुँचाई। इसी संबंध में लोकायुक्त निरीक्षक बसंत श्रीवास्तव ने संज्ञान लेते हुए लोकायुक्त मुख्यालय को मार्च 2014 में रिपोर्ट भेजी थी। इसी के तहत प्राथमिक जाँच पंजीबध्द की गई है।
लोकायुक्त सूत्रों के अनुसार अधीक्षण यंत्री प्रतापसिंह बघेल ने रतलाम कार्यपालन यंत्री के पद पर पदस्थ रहते हुए वर्ष 2011-12 में रतलाम तहसील की डेरी त्रिवेणी तालाब की नहरों के निर्माण में एवं मुख्य दांयी नहर जिसकी खुदाई व पक्के कार्यों के निर्माण कार्य पूर्ण करवाने के लिए मेसर्स आर.पी. इन्फ्रास्टक्चर को काम दिया गया था। इसके बावजूद विभिन्न स्थानाें की तली से मिट्टी हटाने का काम स्वयं के स्तर से मेसर्स लालचंद सुराना को आवंटित करते ठेकेदार से सांठगांठ कर 10 दिन में कार्य पूर्ण करना बताया। बिना मानचित्र तैयार किए फर्जी बिल वाऊचर के आधार पर  करीब 4.57 लाख का भुगतान किया गया। इसी प्रकार बांयी मुख्य नहर की तली में जमा मिट्टी को हटाने एवं पक्के कार्य के आसपास मिट्टी की भराई का कार्य बिना निविदा आमंत्रित किए डमी ठेकेदार प्रवीण ौन को देकर बिना नक्शा तैयार किए 15 से 25 दिन में पूर्ण होना बताकर फर्जी बिल वाऊचर के आधार 4.78 लाख का भुगतान किया गया। इसी प्रकार बांयी मुख्य नहर के किनारों को बचाने के लिए 49 हजार 871 रुपए का ठेका मेसर्स गुरुकृपा कंस्ट्रक्शन कंपनी को देते हुए 10 दिवस में कार्य पूर्ण होना बताकर फर्जी बिल वाऊचर के आधार पर बिल भुगतान किया गया। इस प्रकार कुल 9.81 लाख रुपए के कार्य अपने स्तर से स्वीकृत कर बिना निविदा आमंत्रित किए मनचाहे हितबध्द ठेकेदारों को काम आवंटित कर फर्जी बिल वाऊचर के आधार पर उन्हें भुगतान किया गया। लोकायुक्त सूत्रों के अनुसार ठेके के अनुबंध की शर्तों के अनुसार उपरोक्त सभी कार्य मूल ठेकेदार मेसर्स आर.पी. इन्फ्रास्ट्रक्चर से संपादित कराए जाने थे। ऐसा न कर श्री बघेल ने शासन को लगभग 9.74 लाख की अतिरिक्त हानि पहुँचाई।

और भी अफसाने

लोकायुक्त सूत्रों का कहना है कि इसके अतिरिक्त और भी मामले सामने आए हैं। श्री बघेल एवं रतलाम के अन्य अधिकारी-कर्मचारियों ने आपसी सांठगांठ करके अन्य निर्मित तालाबों के मरम्मत कार्यों के लिए लगभग 31.89 लाख रुपए के फर्जी वर्क ऑर्डर माह दिसंबर में डमी ठेकेदारों को देकर बिना नक्शा तैयार कराए भुगतान किया है। राशि आहरित की गई। इस प्रकार शासन को क्षति पहुँचाई गई जिसका खुलासा प्राथमिक जाँच में निरीक्षक बसंत श्रीवास्तव ने किया। इसमें पद का दुरुपयोग किए जाने संबंधी अपराध पंजीबध्द किया जाएगा। वर्तमान में श्री बघेल नवंबर 2013 से जल संसाधन विभाग उज्जैन में अधीक्षण यंत्री के पद पर पदस्थ हैं।

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