चैरिटी ऑर्गनाइजेशन का फैंटम के प्रोड्यूसर्स को नोटिस,
नई दिल्ली29अगस्त(इ खबरटुडे): इंटरनेशनल मेडिकल चैरिटी ऑर्गनाइजेशन मेडिसिन्स सेन्स फ्रंटियर्स (एमएसएफ) ने फिल्म ‘फैंटम’ के प्रोड्यूसर्स के खिलाफ लीगल एक्शन लेने का फैसला किया है। संगठन ने उन्हें कानूनी नोटिस भेजा है। उनका कहना है कि फिल्म में संगठन की गलत छवि पेश किए जाने की वजह से जंग से प्रभावित इलाकों में काम कर रहे उसके राहतकर्मियों को खतरा हो सकता है।
क्या है मामला
शुक्रवार को रिलीज हुई फिल्म में एक्ट्रेस कैटरीना कैफ एक एमएसएफ वर्कर का किरदार निभा रही हैं। फिल्म में कैटरीना भारतीय सोल्जर बने सैफ अली खान की 2008 मुंबई धमाकों के दोषी आतंकियों को खत्म करने में मदद करती दिखती हैं। फिल्म में वह हथियार चलाते हुए भी नजर आती हैं। वहीं, इस फिल्म के प्रमोशन के दौरान कटरीना ने कथित तौर पर कहा था, ”एनजीओ वर्कर्स के लोकल कट्टरपंथी संगठनों से रिश्ते होते हैं।”
शुक्रवार को रिलीज हुई फिल्म में एक्ट्रेस कैटरीना कैफ एक एमएसएफ वर्कर का किरदार निभा रही हैं। फिल्म में कैटरीना भारतीय सोल्जर बने सैफ अली खान की 2008 मुंबई धमाकों के दोषी आतंकियों को खत्म करने में मदद करती दिखती हैं। फिल्म में वह हथियार चलाते हुए भी नजर आती हैं। वहीं, इस फिल्म के प्रमोशन के दौरान कटरीना ने कथित तौर पर कहा था, ”एनजीओ वर्कर्स के लोकल कट्टरपंथी संगठनों से रिश्ते होते हैं।”
क्या कहना है संगठन का
एमएसएफ से डॉक्टर्स, नर्स, सर्जन, एनेस्थेटिक सर्जन समेत हजारों हेल्थ वर्कर्स जुड़े हुए हैं। ये वर्कर्स 70 से ज्यादा देशों में काम करते हैं। एमएसएफ ने कहा है कि फिल्म के कंटेंट के बारे में उनकी राय नहीं ली गई और वो फिल्म से किसी भी तरीके से जुड़े हुए नहीं हैं। संगठन ने कहा कि उनकी हर क्लिनिक में नो गन्स पॉलिसी अपनाई जाती है। वे अपने किसी भी कर्मचारी को हथियारबंद गार्ड नहीं देते। उनका कोई कर्मचारी हथियार नहीं रखता। इस तरह से एमएसएफ के किसी वर्कर को दिखाना गलत है।
एमएसएफ से डॉक्टर्स, नर्स, सर्जन, एनेस्थेटिक सर्जन समेत हजारों हेल्थ वर्कर्स जुड़े हुए हैं। ये वर्कर्स 70 से ज्यादा देशों में काम करते हैं। एमएसएफ ने कहा है कि फिल्म के कंटेंट के बारे में उनकी राय नहीं ली गई और वो फिल्म से किसी भी तरीके से जुड़े हुए नहीं हैं। संगठन ने कहा कि उनकी हर क्लिनिक में नो गन्स पॉलिसी अपनाई जाती है। वे अपने किसी भी कर्मचारी को हथियारबंद गार्ड नहीं देते। उनका कोई कर्मचारी हथियार नहीं रखता। इस तरह से एमएसएफ के किसी वर्कर को दिखाना गलत है।
संगठन का बयान
”सीरिया, अफगानिस्तान, यमन जैसी जगहों पर काम करने के लिए जो चीज सबसे ज्यादा जरूरी है, वह यही है कि लोग जानें कि हम पूरी तरह से तटस्थ संगठन हैं। हमारा मकसद सिर्फ जरूरतमंद लोगों को मेडिकल केयर मुहैया कराना है। फिल्मों में यह दिखाना कि एमएसएफ मेडिकल केयर के अलावा दूसरी गतिविधियों में भी शामिल है। हमारे मरीजों और स्टाफ के लिए खतरे से खाली नहीं है। इससे हमारे उन इलाकों में काम करने में दिक्कत आएगी, जहां लोगों के पास हेल्थकेयर तक पहुंच नहीं है। इसके अलावा, हमारी छवि भी खराब होगी।”
”सीरिया, अफगानिस्तान, यमन जैसी जगहों पर काम करने के लिए जो चीज सबसे ज्यादा जरूरी है, वह यही है कि लोग जानें कि हम पूरी तरह से तटस्थ संगठन हैं। हमारा मकसद सिर्फ जरूरतमंद लोगों को मेडिकल केयर मुहैया कराना है। फिल्मों में यह दिखाना कि एमएसएफ मेडिकल केयर के अलावा दूसरी गतिविधियों में भी शामिल है। हमारे मरीजों और स्टाफ के लिए खतरे से खाली नहीं है। इससे हमारे उन इलाकों में काम करने में दिक्कत आएगी, जहां लोगों के पास हेल्थकेयर तक पहुंच नहीं है। इसके अलावा, हमारी छवि भी खराब होगी।”
पाक में बैन
डायरेक्टर कबीर खान की फिल्म फैंटम पर बीते हफ्ते लाहौर हाईकोर्ट ने पाकिस्तान में दिखाए जाने को लेकर बैन लगा दिया था। 26/11 हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद इस फिल्म के खिलाफ कोर्ट गया था। सईद का कहना था कि फिल्म से उसकी और पाकिस्तान की छवि खराब होती थी।