घरेलु हिंसा अधिनियम के प्रावधानों से अवगत कराया गया
विधिक जागरूकता शिविर आयोजित
रतलाम 26 मई(इ खबरटुडे)।आंगनवाडी प्रषिक्षण केन्द्र बिरियाखेडी रतलाम में आज घरेलु हिंसा अधिनियम के प्रावधानों से लोगों को जागरूक किये जाने हेतु विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में महिलाओं के प्रति होने वाली घरेलु हिंसा को रोकने के लिये क्या-क्या कानूनी प्रावधान है, इसके बार में अवगत कराया गया। शिविर का आयोजन माननीय न्यायाधीश सूर्यपालसिंह राठौर के आतिथ्य में हुआ।
मुख्य अतिथि सूर्यपालसिंह राठौर, न्यायाधीष ने अपने उदबोधन में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को महिलाओं को कानून के अंतर्गत दिये गये अधिकारों के बारे में बताते हुए कहा कि महिलाओं के प्रति घरेलु हिंसा को रोकने के लिए घरेलु हिंसा अधिनियम 2005 बनाया गया है किन्तु महिलाओं को इस कानून की जानकारी नही होने से अपने अधिकारों से वंचित रह जाती है इस कानून के अंतर्गत महिलाओं को न्यायालय द्वारा संरक्षण आदेष, निवास आदेष, प्रतिकर आदेष आदि पारित किये जाकर अधिकारों को संरक्षित किया गया है महिलाओं को अपने पिता की सम्पत्ति में भी अधिकार कानून द्वारा दिया गया है तथा महिलाएं अपने अधिकारों से अनभिज्ञ रहने के कारण कानून का लाभ प्राप्त नही कर पाती है न्यायाधीष द्वारा घरेलु हिंसा अधिनियम के अंतर्गत प्रावधानों जैसे- घरेलु हिंसा, भरण-पोषण आदेष एवं दंड के बारे में विस्तृत रूप से बताया गया।
शिविर में जिला विधिक सहायता अधिकारी ने उपस्थित आंगनवाडी कार्यकर्ताओं को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रतलाम द्वारा चलाई जा रही निःषुल्क विधिक सलाह एवं सहायता योजना के बारे में बताते हुए कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रतलाम द्वारा जिला स्तर पर महिलाओं को निःषुल्क विधिक सहायता एवं सलाह प्रदान की जाती है तथा घरेलु हिंसा के मामलों में भी महिलाएं विधिक सहायता की मांग कर सकती है इसी प्रकार तहसील स्तर पर तहसील विधिक सेवा समिति द्वारा निःषुल्क विधिक सहायता एवं सलाह प्रदान की जाती हैं महिलाएं अपनी किसी भी प्रकार की विधिक समस्याएं होने पर कार्यालय में सम्पर्क कर लाभ ले सकती है इस अवसर पर राजेश वर्मा, पैनल रिटेनर अधिवक्ता द्वारा भी घरेलु हिंसा अधिनियम एवं भरण-पोषण के प्रावधानों पर विचार व्यक्त किये गये।