खुले मैदान में एक साथ विज्ञान के प्रयोग, कबाड़ से जुगाड़ कर प्रयोग की सामग्री जुटाई
100 से ज्यादा छात्र हुए शामिल
रतलाम,26 नवम्बर (इ खबरटुडे)। शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय रतलाम में 100 से अधिक कक्षा 11 और 12 के बच्चों ने खुले मैदान में एक साथ विज्ञान का प्रयोग किया। आयोजन के शिल्पकार भौतिक विज्ञान के शिक्षक गजेन्द्र सिंह राठौर और व्याख्याता अरविन्द गुप्ता के मार्गदर्शन में सभी छात्रो ने कबाड़ से जुगाड़ कर प्रयोग की सामग्री जुटाई और सबने अपनी-अपनी प्रयोग सामग्री से विज्ञान के महत्वपूर्ण नियम के अनुप्रयोग एक साथ प्रदर्शित किए। क्या था प्रयोग
छात्रो ने कोणीय संवेग संरक्षण के नियम का उदाहरण प्रस्तुत किया।इस नियम के अनुसार”किसी घूमते हुए पिंड या निकाय पर कोई बाहरी बल आघूर्ण न लगाया जाए तो निकाय का कोणीय संवेग नियत रहता है।”प्रयोग में छात्रो ने जड़त्व आघूर्ण को घटता हुआ बताकर कोणीय वेग बढ़ता हुआ बताया,जिससे नियम की पुष्टि हुई।
श्रव्य-दृश्य तकनीक का प्रयोग
शिक्षक गजेन्द्र सिंह राठौर और अरविन्द गुप्ता ने नियमित पाठ्यक्रम के साथ छात्रो को नियम समझाया।फिर विद्यालय में स्थापित वर्चुअल कक्षा में वीडियो के माध्यम से प्रयोग विधि सिखाई गई,वीडियो को शिक्षक गजेन्द्र राठौर द्वारा तैयार किया गया।फिर स्वयं द्वारा तैयार प्रयोग सामग्री से नियम आधारित मॉडल बनाया गया ।इस प्रकार इस गतिविधि के माध्यम से शिक्षा में तकनीकी का सफल प्रयोग भी किया गया।
बनाई प्रयोग सामग्रीहरेक छात्र ने एक अनुपयोगी बालपेन के खोखे को लेकर उसमे से धागा आर-पार किया,फिर दोनों तरफ कोई धातु की नट या वजन लगा दिया।बस, शून्य लागत में तैयार हो गयी प्रयोग की सामग्री।
कैसे किया प्रयोग
बालपेन की खोल को ऊर्ध्वाधर रखकर एक हाथ से पकड़ते हुए निचली नट को दूसरे हाथ से पकड़कर तेजी से क्षैतिज वृत्त में घुमाया ,फिर एकाएक निचली नट को खींच लिया।जैसे ही धागे की लम्बाई कम हुई ,ऊपरी नट तेजी से घूमने लगी।धागे की लम्बाई कम होने से जड़त्व आघूर्ण का मान कम हो जाता है,जिससे उसका कोणीय वेग बढ़ जाता है।।
इनका कहना
समूह गान की तरह ही प्रयोग को करते एवम् सीखते
इस सामूहिक गतिविधि का बड़ा महत्व है।समूह नृत्य,समूह गान की तरह ही सब बच्चे एक साथ प्रयोग को करते एवम् सीखते है ।इससे विज्ञान आम चर्चा का विषय बनता है और विद्यार्थियो में विषय का भय भी दूर होता है।समूह चर्चा से विज्ञान की आधारभूत समझ भी बच्चों में विकसित होती है।-गजेन्द्र सिंह राठौर,विज्ञान क्लब प्रभारी और आयोजन समन्वयक।(मध्यप्रदेश के नवाचारी विज्ञान शिक्षक पुरस्कार 2016 से सम्म्मानित)
सकारात्मक ऊर्जा का संचार हुआ
विज्ञान की सामूहिक गतिविधि से विद्यालय के शैक्षिक वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार हुआ है। प्रयोग में शामिल हर छात्र में प्रयोग की गहरी समझ आई है,जो इस आयोजन की सफलता है।-प्रदीप कुरील ,प्राचार्य,उत्कृष्ट विद्यालय रतलाम।
छात्रो का कहना
“जब हमने प्रयोग सामग्री को जुटाया तो हमे उन चीजो का महत्व पता चला जिन्हें हम कबाड़ या वेस्ट कहते है।हम उपयोग के बाद बालपेन का खोखा फेंक देते है,हमने उसका उपयोग कर विज्ञान सामग्री बनाई । -अंकुश बसेर कक्षा 11 वीं।
“प्रयोग के माध्यम से मेरी विषय में रूचि बढ़ी है,मुझे इस प्रयोग को सम्पन्न कर ये नियम ज्यादा अच्छी प्रकार से समझ में आ गया”।-विशाल पाटीदार कक्षा 11 वी।