खनन माफिया ने वन अमले को बंधक बनाया, अधीक्षक की जीप में तोड़फोड़
ग्वालियर,12 नवंबर (इ खबरटुडे)। अवैध उत्खनन रोकने गए वन अमले को उस समय लेने के देने पड़ गए, जब आधा सैकड़ा से अधिक लोगों ने उन्हें घेर लिया। दो घंटे तक खनन माफिया वन अमले को जंगल में घेरकर बंधक बनाए रहा। वन अमले से मारपीट कर पथराव किया। वन अमले ने पहाड़ी पर चढ़कर खुद की जान बचाई और पुलिस से मदद मांगी।
पुलिस भी करीब एक घंटे की देर से पहुंची, तब तक 50 से 60 की तादाद में नाकाबपोश हमलावर पथराव करते रहे। इस दौरान अधीक्षक सोनचिरैया अभयारण्य की जीप में भी हमलावरों ने तोड़फोड़ की। घटना घाटीगांव के महुआ खेड़ा के जंगल में शनिवार दोपहर 1 से 3 बजे के बीच की है। तीन बजे घाटीगांव पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रण में लिया। घटना के बाद वन अमले ने थाने पहुंचकर मामला दर्ज कराया है।
घाटीगांव थाना क्षेत्र स्थित तिलावली और महुआ खेड़ा के जंगल के बीच शनिवार दोपहर वन अमले को अवैध उत्खनन की सूचना मिली थी। इस पर अधीक्षक सोनचिरैया अभयारण्य जीएल जोनवार, घाटीगांव रेंज प्रभारी वीरेन्द्र सिंह कुशवाह के साथ वन अमला कार्रवाई के लिए पहुंचा था।
दोपहर करीब 1 बजे जंगल के कक्ष क्रमांक 391 में पहुंचने पर वहां कुछ लोग पत्थर का उत्खनन करते हुए दिखाई दिए। इस पर वन अमले ने उनको चेतावनी देकर घेराबंदी शुरू की, लेकिन वन विभाग की टीम जो समझ रही थी स्थिति उससे कहीं ज्यादा खराब थी। चंद मिनटों में जहां 5 से 6 लोग दिख रहे थे, वहां 50 से 60 लोग खड़े हो गए।
सभी के हाथ में हथोड़े, कुल्हाड़ी व पत्थर थे। सभी लोग मुंह पर साफी बांधे हुए थे। भीड़ ने वन अमले को घेरकर पथराव शुरू कर दिया। इसमें अधीक्षक की जीप फूट गई। अपनी जान बचाने के लिए वन अमला पहाड़ी पर चढ़ गया, जिससे पथराव की मार से बच सके। इसके बाद दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक लोग वन अमले को घेरकर खड़े रहे।
हमला होते ही वन अमले द्वारा अपने वरिष्ठ अधिकारियों और वहां से पुलिस को सूचना दी गई, लेकिन इसके बाद भी घाटीगांव थाना पुलिस को वहां तक पहुंचने एक घंटे का समय लग गया। देर से पुलिस पहुंचने पर काफी देर तक वन अमला घबराया रहा। 3 बजे के बाद घाटीगांव पुलिस पहुंची तो हमलावर फरार हो गए।
इसके बाद वन विभाग की टीम उतरी और वहां से हथोड़े, कुल्हाड़ी व तसले बरामद किए। सोनचिरैया अभयारण्य के घाटीगांव प्रभारी वीरेन्द्र सिंह कुशवाह की शिकायत पर घाटीगांव थाने में पुलिस ने 50 से 60 अज्ञात नाकाबपोश हमलावरों के खिलाफ धमकाने, गाली गलोज, पथराव व शासकीय कार्य में बाधा का मामला दर्ज किया है।
भागा नहीं वन अमला, कार्रवाई करने वापस जाना है
वन अधिकारियों का कहना है कि उन पर हमला हुआ और उन्हें बंधक बनाने का प्रयास किया, लेकिन वह भागे नहीं। क्योंकि भाग जाते तो फिर कार्रवाई करने नहीं जाते। इसलिए उन्होंने पथराव से बचने सुरक्षित स्थान चुना। जब पुलिस की मदद मिली तो खनन माफियाओं को ख्ादेड़ा और सामान भी जब्त किया है।