कृषि को अनदेखा करने से किसान संकट में : केलकर
किसान, किसानी संगोष्ठी में 20 जिलों के प्रतिनिधि हुए शामिल
इंदौर 20 अगस्त (इ खबरटुडे)। कृषि को अनदेखा करने के कारण किसानों के सामने अनेक चुनौतियां उत्पन्न हो गई, जिससे वे संकट की स्थिति में आ गए है। आज किसानों के सामने भूमि अधिग्रहण, फसल बीमा, बिजली, खाद, पेस्टीसाइड दवाइयों जैसी समस्याओं का अंबार लगा है।किसानों की इन समस्याओं को जाल सभागृह में आयोजित किसान, किसानी संगोष्ठी में अखिल भारतीय किसान संघ के महामंत्री प्रभाकर केलकर बतौर मुख्य वक्ता ने कही।
जालसभा गृह में आयोजित किसान, किसानी संगोष्ठी में इंदौर-उज्जैन संभाग के 20 जिलों से आए किसान प्रतिनिधियों को श्री केलकर ने कहा कि किसान संघ पर्यावरण संरक्षण, भूमि संरक्षण के लिए भारतीय किसान संघ देशव्यापी आंदोलन चलाएगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता पद्मश्री श्रीमती जनक पलटा ने की। श्रीमती पलटा ने सौर ऊर्जा व नशा मुक्ति तथा ग्राम स्वच्छता पर जोर दिया। संचालन प्रांतीय मंत्री लक्ष्मीनारायण पटेल ने किया। आभार अनिल पुरोहित ने माना।
भूमि अधिग्रहण विकास के लिए आवश्यक पर राजनीतिक भंवर जाल में उलझा
श्री केलकर ने भूमि अधिग्रहण कानून देश विकास व ग्राम जनता के विकास के
लिए एक अच्छी तथा आवश्यक पहल बताया, लेकिन उन्होंने कहा कि इसको राजनीतिक भंवर जाल में उलझा दिया गया है। वक्ता द्वारा कहा गया कि अगर राजनीतिक दलों को देश व कृषि विकास की चिंता है तो आम सहमति बनाकर संशोधित बिल को सदन में पारित करें। देश की खाद्य सुरक्षा के लिए कृषि भूमि को संरक्षित कर अन्य भूमि व गैर उपजाऊ कृषि भूमि का लैंड बनाया जाने का सुझाव दिया। श्री केलकर ने कहा कि डैम, नहर, तालाब, उद्योग, रेलवे तथा गांव व देशविकास के लिए किसान हमेशा सहयोगी की भूमिका में आगे आए है बशर्ते उन्हें मुआवजा अधिग्रहण के पूर्व मिले अधिग्रहण के बाद मुआवजे तथा अभाव में
किसान बर्बाद हो जाते हैं।
फसल बीमा राष्ट्रीय सुरक्षा कोष बनाएं
भारतीय किसान संघ का मत बताते हुए श्री केलकर ने कहा कि सरकार द्वारा
किसान व किसानी की सुरक्षा के लिए एक राष्ट्रीय सुरक्षा कोष बनाया जाए। किसी भी प्राकृतिक आपदा के कारण फसल नष्ट होने पर किसान कोष से उनकी
सहायता की जानी चाहिए।
किसान स्वावलंबी व आत्मसंपन्न बने
श्री केलकर ने किसानों से पुरजोर अपील की कि किसान पूर्ण रूप से सरकार पर
निर्भर न रहकर स्वावलंबी व आत्मसंपन्न बने ताकि विपरीत परिस्थितियों में
वे स्वयं का हौसला बनाए रखने में मददगार साबित हो सकें।
योजना का लाभ किसानों को मिले
श्री केलकर ने कहा कि सरकार ने पंचवर्षीय योजना में 10 हजार करोड़ रुपये,
जल योजनाओं तथा छह हजार करोड़ रुपये गन्ना किसानों के लिए तथा हर खेत तक सड़क योजना के क्रियान्वयन की व्यवस्था के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
सरकार व तंत्र को यह गारंटी देना चाहिए कि इन योजनाओं का लाभ किसानों तक
पहुंचे।
लाभकारी मूल्य की घोषणा
किसान संघ सदैव प्रयासरत रहता है कि सरकार लाभकारी मूल्य की घोषणा करें।
इस पर श्री केलकर का कहना है कि कृषि को लाभ का व्यवसाय बनाए जाने के लिए अभी बीज, बिजली तथा खाद व कीटनाशकों की बढ़ती कीमतों के लिए कृषि लाभ अत्यंत कम हो गया है। कृषि विकास के लिए अगर सरकार लाभकारी मूल्य देने में समर्थ नहीं है तो इस पर बोनस व्यवस्था को लागू करे।
स्वस्थ संतान, समृद्ध भारत
किसानों को अपने संबोधन में श्री केलकर ने कहा कि गांव में पर्यावरण
संरक्षा तथा बाल एवं महिला कुपोषण को कम करने के लिए निर्मित पोषक तत्वों
जैसे सत्तु, गुड़, हरी सब्जियां, फल का उपयोग करें। उन्होंने इस अवसर पर
नारा दिया कि स्वस्थ संतान, समृद्ध भारत। श्री केलकर के अनुसार कुपोषण,
पर्यावरण संरक्षण, भूमि संरक्षण के लिए भारतीय किसान संघ देशव्यापी
आंदोलन चलाएगा।