November 16, 2024

कुपोषण के प्रति जन जागृति परियोजना के अंतर्गत दो कुपोषित बच्चों को NRC रेफर किया

रतलाम,05 जुलाई (इ खबरटुडे)।आज जिले के बाजना विकासखण्ड के ग्राम इमलिपाडा कला मे CHAI-MPVHA परियोजना के समन्वयक रोहित शर्मा ने गंभीर कुपोषित बच्चों को NRC रेफर किया। मध्य प्रदेश में पिछले कुछ वर्षों में बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है । कुपोषण के प्रति जन जागृति परियोजना समन्वयक रोहित शर्मा निर्देशित कर रहे है ।

समन्वयक रोहित शर्मा ने कुपोषण के विषय में जानकारी देते हुए बताया शरीर के लिए आवश्यक सन्तुलित आहार लम्बे समय तक नहीं मिलना ही कुपोषण है। कुपोषण के कारण बच्चों और महिलाओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, जिससे वे आसानी से कई तरह की बीमारियों के शिकार बन जाते हैं। अत: कुपोषण की जानकारियाँ होना अत्यन्त जरूरी है।

 

 

 

कुपोषण प्राय: पर्याप्त सन्तुलित अहार के आभाव में होता है। बच्चों और स्त्रियों के अधिकांश रोगों की जड़ में कुपोषण ही होता है। स्त्रियों में रक्ताल्पता या घेंघा रोग अथवा बच्चों में सूखा रोग या रतौंधी और यहाँ तक कि अंधत्व भी कुपोषण के ही दुष्परिणाम हैं। इसके अलावा ऐसे पचासों रोग हैं जिनका कारण अपर्याप्त या असन्तुलित भोजन होता है।

बाजना विकासखंड के ग्राम इमलिपाडा कला की एक बच्ची संजना पिता विक्रम भगोरा ,muac-11 cm, वज़न-6.300kg, आयु-1.5 वर्ष जिसके माता पिता को खेत मे जा कर समझाईश दी गई। तदोपरांत वह बच्ची को NRC रेफर करने को राजी हुए साथ ही गड़ीगमना गांव के एक ही माँ के दो जुड़वाँ बच्चे जो कि गंभीर कुपोषित थे। उन्हें भी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के साथ जा समझाईश दी गई और दोनों बच्चों को NRC रेफर किया। पहला बच्चा संतोष पिता गौतम मईड़ा muac-11cm वज़न -5.600 kg, दूसरा शांति पिता गौतम मईड़ा muac-10cm, वज़न-4.600kg था।

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