कांची मठ के शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती का वृंदावन प्रवेश कार्यक्रम आज
कांचीपुरम 01मार्च(इ खबरटुडे)। श्री कांची कामकोटि पीठ के 69वें शंकराचार्य स्वामी जयेंद्र सरस्वती का बुधवार को अवसान होने के बाद आज उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। इसे वृंदावन प्रवेश कार्यक्रम भी कहा जाता है। 82 वर्षीय शंकराचार्य को बुधवार सुबह बेचैनी की शिकायत के बाद निजी अस्पताल ले जाया गया था। वहीं उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके अवसान की खबर फैलते ही हजारों लोगों ने उनके अंतिम दर्शन किए। कांची शंकर मठ के मैनेजर सुदर्शन के अनुसार लगभग 1 लाख लोगों ने शंकराचार्य के अंतिम दर्शन किए।
वृंदावन प्रवेश कार्यक्रम आज
जयेंद्र सरस्वती के निधन की खबर फैलते ही चेन्नाई से 75 किमी दूर स्थित मंदिरों के शहर कांचीपुरम में शोक छा गया। आदि शंकराचार्य ने आठवीं सदी में यहां मठ बनाया था। मठ के मैनेजर सुंदरेसा अय्यर ने बताया कि जयेंद्र सरस्वती के अंतिम संस्कार की रस्म “वृंदावन प्रवेश कार्यक्रम” के रूप में गुरुवार सुबह 8 बजे से वैदिक पद्धति से शुरू होगी। पार्थिव देह कामकोटि पीठ के नंदवनम में अंतिम दर्शन के लिए रखी गई है। उन्हें उनके पूर्ववर्ती शंकराचार्य चंद्रशेखरेंद्र सरस्वती की समाधि के समीप ही “महासमाधि” दी जाएगी।
विजयेंद्र सरस्वती नए शंकराचार्य
जयेंद्र सरस्वती 1994 से कांची पीठ के शंकराचार्य थे। मठ की उत्तराधिकार परंपरा के अनुसार उन्हें श्री चंद्रशेखरेंद्र सरस्वती के अवसान के बाद यह पद मिला था। उन्हें मात्र 19 साल की उम्र में चंद्रशेखरेंद्र सरस्वती ने 1954 में उत्तराधिकारी चुना था। जयेंद्र सरस्वती के महाप्रयाण के बाद उनके जूनियर विजयेंद्र सरस्वती नए शंकराचार्य बने हैं। उन्हें जयेंद्र सरस्वती ने 1983 में उत्तराधिकारी चुना था।
मैनेजर की हत्या के आरोप से दोषमुक्त करार दिए गए
शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती का कार्यकाल चर्चित रहा। 11 नवंबर 2004 को उन्हें कांची मठ के मैनेजर शंकरारमन की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। लंबी अदालती प्रक्रिया के बाद 27 नवंबर 2013 को पुडुचेरी की अदालत ने उन्हें दोषमुक्त करार दिया था।