कलेक्टर ने सोयबीन की फसल देखी
कृषि वैज्ञानिकों और कृषि विभाग की सलाह को माने कृषक – बी.चन्द्रशेखर
रतलाम 20 अगस्त (इ खबरटुडे)। कलेक्टर बी.चन्द्रशेखर ने आज सैलाना एवं बिरमावल क्षेत्र के भ्रमण के दौरान ग्राम शिवगढ़ एवं बिलपांक में सोयाबीन की फसलों को देखा। उन्होनें कृषि विभाग के अधिकारियों एंव कृषि विज्ञान केन्द्र कालुखेड़ा के वैज्ञानिकों से सोयाबीन की फसल को हो रहे नुकसान एवं बचाव संबंधी चर्चा की। कलेक्टर ने जिले के सभी कृषकों से अपील की हैं कि वे सोयाबीन की फसल को नुकसान से बचाने के लिये कृषि वैज्ञानिकों एवं कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा दी जाने वाली सलाह को अमल में लायें। उन्होनें कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा प्रति सोमवार, बुधवार एवं शुक्रवार को कृषकों को भेजे जाने वाले मोबाईल संदेशा के अनुरूप सुझावों को मानने की भी सलाह दी है।
वर्तमान में वर्षा के अधिक होने से खेतों में अधिक नमी है। जिससे सोयाबीन की फसलों को नुकसान होने के साथ ही रोग एवं कीटों का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। इस समय कृषकों को अपनी फसलाें पर 12 अनुपात 63 प्रतिशत में कार्बोनडाजील एवं मेनकोजेल के मिश्रण युक्त उत्पादकों का घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए। वर्तमान में सोयाबीन की फसलों पर गर्डल बीटल, सेमीलुपर एवं बिहारी हेरी केटर पिलर के कीटों का प्रकोप भी बढ़ रहा है। कृषक कृषि अधिकारियों की सलाह अनुसार दवाईयों का घोल बनाकर छिड़काव करें।
छिड़काव में दवाईयों के कॉकटेल से बचे
कृषि वैज्ञानिकों की सलाह हैं कि कृषक अपने छिड़काव में संश्लेषित पाइरेथनम के बने उत्पादकों एवं उनके मिश्रणों के उत्पादकों का छिड़काव न करें। वर्तमान में सोयाबीन की फसलों पर पिला मोजेक रोग अधिक फैल रहा है। इस रोग का वाहक सफेद कीट है। जिसके लिये एक खेत से दुसरे खेत में वायरस रोग का संचरण अधिक तीव्रता से हो रहा है और इस समय का वातावरण रोग के फैलाव में सहायक है।कृपया इस प्रकार के छिड़काव से बचें। कृषक बंधु नियमित रूप से कृषि अधिकारियों एवं कृषि वैज्ञानिकों के सम्पर्क में रहकर सोयाबीन की फसलों का बचाव अधिक कारगर रूप से कर सकते है। बगैर उनकी सलाह के दवाईयों का अपनी मर्जी से फसलों पर छिड़काव न करें।