कम्प्यूटराइज्ड हुई प्रदेश की सभी ग्राम पंचायत
भोपाल30अगस्त (इ खबरटुडे)। मध्यप्रदेश के गाँवों को स्मार्ट विलेज बनाने के मकसद से सभी 22 हजार 824 ग्राम पंचायत का कम्प्यूटराइजेशन किया जा चुका है। प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक लाख रुपये लागत से कम्प्यूटर, प्रिन्टर, मॉनीटर, यूपीएस, वेबकेम तथा पेनड्राइव जैसे जरूरी उपकरण उपलब्ध करवाये जा चुके हैं। सभी ग्राम पंचायत में पदस्थ रोजगार सहायक को कम्प्यूटर संचालन का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इसके अलावा पंचायत सचिव तथा नव-निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों के लिये भी कम्प्यूटर साक्षरता कार्यक्रम हो रहे हैं।
प्रदेश की सभी 22 हजार 824 ग्राम पंचायत को उच्च गति की इंटरनेट सेवा से जोड़ने का अभियान चलाया जा रहा है। भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) द्वारा इनमें से 1822 ग्राम पंचायत को ब्राडबेण्ड सुविधा से जोड़ा गया है। इसके अलावा रेलटेल द्वारा 6500 ग्राम पंचायत को ब्राडबेण्ड से जोड़ने का काम प्रगति पर है। इनमें से 460 ग्राम पंचायत ब्राडबेण्ड से जुड़ चुकी हैं। रेलटेल द्वारा चालू माली साल के अंत तक 6500 ग्राम पंचायत को ब्राडबेण्ड सुविधा मुहैया करवा दी जायेगी। भारत ब्राण्डबेड नेटवर्क लिमिटेड द्वारा नेशनल फाइबर ऑप्टिकल नेटवर्क परियोजना में 130 जनपद पंचायत की 10 हजार 516 ग्राम पंचायत को जोड़ने का काम जारी है। इनमें से अब तक 13 हजार 325 किलोमीटर पीएलबी केबल और 9455 किलोमीटर ओएफसी बिछाई गई है। इनसे जुड़ी 626 ग्राम पंचायत में ब्राडबेण्ड कनेक्टिविटी का अंतिम परीक्षण किया जा चुका है। ऐसी ग्राम पंचायत जहाँ फिलहाल इंटरनेट कनेक्टिविटी नहीं है, उनके द्वारा मोबाइल नेटवर्क और डाटाकार्ड का उपयोग किया जा रहा है।
ई-पंचायत कक्ष
स्मार्ट विलेज की अवधारणा के अनुरूप सभी ग्राम पंचायत में कम्प्यूटर सुविधा उपलब्ध हो जाने से वहाँ से जनपद और जिला पंचायत और राज्य मुख्यालय से जानकारियों का आदान-प्रदान नियमित रूप से किया जा रहा है। इसके साथ ही हर ग्राम पंचायत में ई-पंचायत कक्ष की व्यवस्था भी की जा रही है। इस मकसद से परम्परागत विधि से 3.81 लाख से 4.11 लाख रुपये लागत तक के ई-पंचायत कक्ष का निर्माण हो रहा है। सरपंच को राज्य सरकार ने 15 लाख रुपये तक के वित्तीय अधिकार प्रदान किये हैं, जिससे ई-पंचायत कक्ष निर्माण का काम तेज गति से हो रहा है। प्रदेश की 1796 ग्राम पंचायत के लिये नये भवन की मंजूरी मिली है, इनमें भवन के साथ-साथ ई-पंचायत कक्ष का निर्माण भी किया जा रहा है। इसके अलावा 862 ऐसी ग्राम पंचायत जो भवनविहीन थी, वहाँ पफ तकनीक से ई-पंचायत कक्ष बनाये गये हैं। इसके अलावा अन्य पंचायत भवन में पर्याप्त स्थान की उपलब्धता होने से वहाँ ई-पंचायत व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित हो रही है।