ईवीएम पर उठे सवालों का जवाब देने के लिए चुनाव आयोग का ईवीएम चैलेंज शुरू
नई दिल्ली,03जून(इ खबरटुडे)। चुनाव आयोग द्वारा ईवीएम पर उठे सवालों के लेकर ईवीएम चैलेंज (EVM Challenge) शुरू हो गया है. अभी तक की जानकारी के अनुसार चुनाव आयोग ने कुल 14 ईवीएम को चैलेंज के लिए रखा है. अभी तक केवल दो ही दलों के प्रतिनिधि वहां पहुंचे हैं. सीपीएम और एनसीपी के प्रतिनिधि वहां पर पहुंचे. दोनों ही दलों के प्रतिनिधियों को चार-चार ईवीएम दी जाएंगी.
कहा जा रहा है कि ये लोग इथिकल हैकर्स हैं. ये लोग इलेक्ट्रॉनिक की फील्ड से हैं. बता दें कि सीपीएम ने पहले ही मान लिया है कि ईवीएम टैंपर प्रूफ है. लेकिन वह एक मौके का इस्तेमाल करना चाहती हैं और देखना चाहती है कि क्या कुछ ऐसा हो सकता है. इस चैलेंज को मीडिया को देखने की इजाजत नहीं है. चुनाव आयोग ने कहा कि वह पीआईपी के ट्विटर हैंडल के जरिए जानकारी लगातार साझा करते रहे हैं.
इससे पहले देश में कई राजनीतिक दल यह प्रश्न उठाते रहे हैं कि देश में लोकतंत्र खतरे में है? इसके पीछे राजनीतिक दलों ने ईवीएम (EVM) को जिम्मेदार ठहराया है. चुनाव आयोग ने हारे दलों को अपनी हार का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ने पर ऐतराज जताया और साफ कहा कि ईवीएम हैकिंग प्रूफ है. इसके बावजूद राजनीतिक दल अपने आरोपों पर कायम रहे. पिछले दो महीनों में करीब 16 राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग में जाकर अधिकारियों से मुलाकात की है और अपनी-अपनी चिंताओं से अवगत कराया. चुनाव आयोग लगातार ईवीएम पर उठ रहे प्रश्नों का जवाब देने और संस्था पर लोगों का विश्वास बनाए रखने के लिए ईवीएम हैकेथॉन का आयोग 3 जून को किया है.अब चुनाव आयोग आज ईवीएम चैलेंज का आयोजन कर रहा है. इसमें राजनीतिक दलों यह साबित करना है कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) में छेड़छाड़ की जा सकती है.
चुनाव आयोग के प्रवक्ता ने कहा कि ‘ईवीएम चैलेंज तय समय पर होगा. यह सुबह 10 बजे शुरू होगा और दोपहर दो बजे तक चलेगा. एनसीपी और माकपा ने इसके लिए अपने तीन-तीन प्रतिनिधि नामांकित किए हैं. चैलेंज एक साथ दो अलग-अलग हॉलों में आयोजित किया जाएगा’.
चुनाव आयोग द्वारा ईवीएम चैलेंज के लिए उत्तर प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड के ‘स्ट्रांग रूम’ से 14 इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) मंगाई हैं, जिनका उपयोग हालिया विधानसभा चुनाव में किया गया था. आयोग के सूत्रों ने कहा कि हर प्रतिभागी पार्टी अधिकतम चार ईवीएम का उपयोग कर सकती है, लेकिन अतिरिक्त मशीनें ‘बैक अप के तौर’ पर रखी गई हैं.