November 23, 2024

आलोट में कांग्रेस की उम्मीदवारी बनेगी चुनावी मुद्दा

जोडतोड से हासिल की उम्मीदवारी,भाजपा बनाएगी चुनावी मुद्दा
रतलाम,10 नवंबर (इ खबरटुडे)। जिले की आलोट विधानसभा सीट पर जोड तोड से कांग्रेस की उम्मीदवारी हासिल करने का मुद्दा,चुनाव प्रचार का प्रमुख मुद्दा बनेगा। भाजपा,कांग्रेस प्रत्याशी द्वारा की गई इस जोड तोड को मतदाता के बीच ले जाने और इससे लाभ हासिल करने की रणनीति बना रही है। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस प्रत्याशी अजीत बौरासी एक नाटकीय घटनाक्रम के बाद कांग्रेस के उम्मीदवार बने है। उन्हे कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया था।
आलोट विधानसभा सीट पर उज्जैन सांसद प्रेमचन्द गुड्डू अपने पुत्र अजीत बौरासी को टिकट दिलाना चाहते थे। इसके लिए उन्होने अंतिम समय तक जोर भी लगाया। लेकिन कांग्रेस उपाध्यक्ष राहूल गांधी की गाइड लाईन इसके आडे आ गई और गुड्डू अपने पुत्र को टिकट नहीं दिला पाए। इसके बाद श्री गुड्डू ने वैकल्पिक योजना पर काम किया और आखिरकार अपने पुत्र अजीत बौरासी को आलोट का अधिकृत प्रत्याशी बनाने में सफलता प्राप्त की।
निर्वाचन कार्यालय में चले नाटकीय घटनाक्रम के बाद अजीत बौरासी को ही आलोट का अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया गया। दरअसल कांग्रेस ने सबसे पहले आलोट सीट पर पप्पू बौरासी को प्रत्याशी घोषित किया था। कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि सांसद प्रेमचन्द गुड्डू ने पप्पू बौरासी को बदलकर कमल परमार को आलोट का प्रत्याशी घोषित करवाया। कमल परमार सांसद प्रेमचन्द गुड्डू के नजदीकी माने जाते है। कमल परमार ने निर्वाचन के लिए अपना नामांकन तो दाखिल किया,लेकिन इसे जानबूझ कर अधूरा छोड दिया। कमल परमार के लिए जारी किए गए पार्टी के बी फार्म में कमल परमार के स्थानापन्न के स्थान पर अजीत बौरासी का नाम दर्ज था। अजीत बौरासी ने डमी उम्मीदवार के रुप में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था। चूंकि घोषित प्रत्याशी कमल परमार का नामांकन पत्र अधूरा था और उसमें आवश्यक दस्तावेज जैसे जाति प्रमाणपत्र इत्यादि संलग्र नहीं थे। इसके बाद सांसद प्रेमचन्द गुड्डू के ही नजदीकी कुछ नेताओं ने कमल परमार के नामांकन पर आपत्ति दर्ज कराई। आपत्ति उठाए जाने पर नामांकन पत्र की जांच की गई और इसमें आवश्यक दस्तावेज संलग्र नहीं होने के कारण उक्त फार्म निरस्त कर दिया गया। चूंकि डमी के रुप में अजीत बौरासी फार्म भर चुके थे और बी फार्म में स्थानापन्न के रुप में उनका नाम दर्ज था,इसलिए निर्वाचन अधिकारी ने अजीत बौरासी को कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी के रुप में मान्य कर लिया। सांसद प्रेमचन्द गुड्डू के इस कदम ने कांग्रेस में नीचे से उपर तक सभी को हैरत में डाल दिया। श्री गुड्डू ने अपने इस खेल से कांग्रेस के बडे नेताओं को भी बौना साबित कर दिया। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि कांग्रेस द्वारा विभिन्न प्रत्याशियों के लिए जारी किए गए बी फार्म में किसी में भी स्थानापन्न का नाम नहीं लिखा गया था। लेकिन केवल आलोट के लिए जारी बी फार्म में स्थानापन्न के स्थान पर अजीत बौरासी का नाम दर्ज था।
आलोट प्रत्याशी में मामले में चला नाटकीय घटनाक्रम अब चुनाव का मुद्दा बनने वाला है। आलोट से भाजपा प्रत्याशी जीतेन्द्र गेहलोत ने कहा कि सांसद गुड्डू ने षडयंत्रपूर्वक अपने पुत्र को कांग्रेस का प्रत्याशी बनाया है। इस पूरे घटनाक्रम को मतदाताओं के बीच ले जाया जाएगा। इसका भाजपा को पूरा लाभ भी मिलेगा। जो व्यक्ति प्रत्याशी घोषित होने के लिए अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं तक को धोखा दे सकता है,वह मतदाताओं को क्या छोडेगा?श्री गेहलोत ने कहा कि वे इस बात को निश्चित रुप से मुद्दा बनाएंगे। उन्होने कहा कि किसी सांसद को ऐसी हरकत शोभा नहीं देती। अब यह कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया व अन्य वरिष्ठ नेताओं को तय करना चाहिए कि वे इसके विरुध्द क्या कार्यवाही करते है? दूसरी ओर सांसद प्रेमचन्द गुड्डू और आलोट के कांग्रेस प्रत्याशी अजीत बौरासी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया देने से बच रहे है। उनसे मोबाइल पर सम्पर्क करने का कई बार प्रयास किया गया लेकिन वे उपलब्ध नहीं हुए।

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