आयुष चिकित्सक अब प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में बैठेंगे
बाँझपन और गर्भाशय रोग का उपचार भी राज्य बीमारी सहायता योजना में शामिल
मुख्यमंत्री द्वारा लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण कार्यक्रमों की समीक्षा
भोपाल 12 अक्टूबर (इ खबरटुडे)। प्रदेश में चिकित्सकों की कमी की पूर्ति के लिये प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में आयुष चिकित्सक पदस्थ किये जायेंगे। साथ ही बाँझपन और गर्भाशय की बीमारी को राज्य बीमारी सहायता योजना में शामिल किया जायेगा। ये निर्णय आज यहाँ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में संपन्न लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की समीक्षा बैठक में लिये गये। श्री चौहान ने स्वाईन फ्लू और डेंगू जैसी बीमारियों के प्रति सजग रहने, अस्पतालों में स्वस्छता अभियान चलाने एवं गंभीर रोग से पीड़ित महिलाओं के उपचार के लिये विशेष शिविर लगाने के निर्देश दिये। इस मौके पर लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री शरद जैन, मुख्य सचिव अन्टोनी डिसा भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आम आदमी को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध करवाना और कुपोषण की समस्या को दूर करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में चिकित्सकों की उपलब्धता के लिये प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में आयुर्वेद चिकित्सकों का बैठना सुनिश्चित किया जायेगा। साथ ही बाँझपन एवं गर्भाशय रोग से पीड़ित महिलाओं का इलाज शासन के खर्च पर करने के लिये इन बीमारियों को राज्य बीमारी सहायता योजना में शामिल किया जायेगा। उन्होंने सुरक्षित प्रसव के लिये शत-प्रतिशत संस्थागत प्रसव सुनिश्चित करने तथा मातृ मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर एवं सकल प्रजनन दर घटाने के कारगर उपाय निरंतर जारी रखने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने परिवार कल्याण कार्यक्रम के प्रति जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया, ताकि जनसंख्या नियंत्रण में मदद मिले सके। उन्होंने महिलाओं के स्वास्थ्य परीक्षण अभियान के दौरान चिन्हित, गंभीर रोग से ग्रसित महिलाओं के बेहतर उपचार के लिये विशेष शिविर लगाने के निर्देश दिये। साथ ही प्रति वर्ष महिला स्वास्थ्य परीक्षण के विशेष अभियान चलाने को भी कहा। उन्होंने अस्पतालों को स्वच्छ रखने और चिकित्सा उपकरणों को चालू हालत में रखने का विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिये। इसमें जन-समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित की जाये। श्री चौहान ने लोक सेवा प्रदाय गारंटी योजना में समय-सीमा का पालन सुनिश्चित करने तथा अस्पताल भवन के निर्माण कार्य समय-सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने नि:शुल्क दवा वितरण योजना के सफल संचालन के लिये लोक स्वास्थ्य विभाग को बधाई दी। उन्होंने कहा कि योजना से आम जनता को बहुत लाभ हुआ है। उन्होंने स्वास्थ्य कर्मियों की समस्याओं के समाधान तथा उन्हें जनसेवा के लिये सतत् प्रेरित करने एवं अधिक उम्र की एएनएम की मैदानी पदस्थापना, विभाग के कार्यों के मूल्यांकन, श्रमिकों को मिलने वाली प्रसूति अवकाश सहायता आदि को और प्रभावी बनाने के लिये आवश्यक उपाय सुझाने के लिये अधिकारियों को निर्देशित किया। श्री चौहान ने आयुष औषधालयों को और उपयोगी बनाने के तथा पं. खुशीलाल आयुर्वेदिक चिकित्सालय को आदर्श चिकित्सालय बनाने के निर्देश दिये।
इस मौके पर बताया गया कि शिशु मृत्यु दर की गिरावट देश में सर्वाधिक मध्यप्रदेश में आयी है। वर्ष 2012-13 के दौरान भारत में एक अंक जबकि मध्यप्रदेश में शिशु मृत्यु दर में तीन अंक गिरावट आयी। इस तरह गंभीर कुपोषण का प्रतिशत भी घटा है। बताया गया कि प्रदेश में पिछले दिनों 40505 गाँव की 21 लाख महिला का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। प्रदेश में एक हजार नवीन उप स्वास्थ्य केंद्रों के भवन बनाये जायेंगे।
बैठक में प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण श्रीमती गौरी सिंह, आयुक्त लोक स्वास्थ्य श्री पंकज अग्रवाल, मुख्यमंत्री के सचिव हरिरंजन राव, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के संचालक फैज अहमद किदवई, अमित राठौर, डॉ. नवनीत मोहन कोठारी आदि अधिकारी उपस्थित थे।