आधी रात तक बहती रही भारत भक्ति की गंगा
बाबा मौर्य द्वारा प्रस्तुत भारत माता की आरती में झूमे आम से लेकर खास तक
रतलाम,18 अक्टूबर (इ खबरटुडे)। शनिवार की रात कालिका माता का परिसर आधी रात तक देशभक्ति के सुर व संगीत और अनूठी चित्रकला के संगम से बने सम्मोहन में जकडा रहा। कालिका माता के मंच पर बाबा सत्यनारायण मौर्य द्वारा प्रस्तुत भारत माता की आरती में आधी रात तक भारत भक्ति की गंगा बहती रही। मां कालिका के रुप में बनाई गई भारत माता के चित्र के समक्ष मंच के समने मौजूद आम लोगों से लेकर मंच पर मौजूद तमाम खास लोगों तक हर कोई झूमा। तीन घण्टे से ज्यादा समय तक कार्यक्रम में मौजूद लोग कभी बाबा के चुटकुलों पर हंसे ,तो कभी बाबा ने उन्हे क्रान्तिकारियों के बलिदान याद दिलाकर भावुक भी कर दिया। भारत माता की आरती के माध्यम से बाबा मौर्य ने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों से अपने नगर को स्वच्छ और सुन्दर बनाने का संकल्प भी कराया। भारत माता की आरती देखने के लिए भारी भीड जमा थी,और पूराा परिसर खचाखच भरा हुआ था।
नगर निगम द्वारा आयोजित कालिका माता मेले में शनिवार को मुंबई के प्रख्यात कलाकार बाबा सत्यनारायण मौर्य द्वारा प्रस्तुत भारत माता की आरती कार्यक्रम आयोजित किया गया था। कार्यक्रम की शुरुआत बाबा मौर्य के साथी कलाकारों द्वारा विभिन्न देशभक्ति गीत और भजनों की प्रस्तुती से हुई। बाबा मौर्य के साथी कलाकारों के सुमधुर गीतों ने परिसर में उपस्थित श्रोताओं को अपने आकर्षण में बांधा ही था,कि इसके बाद श्रोताओं के बीच से अचानक बाबा मौर्य प्रकट हो गए। मंच पर जाने के लिए बनाए गए रैम्प पर भारत भक्तों भारत फिर से वैभव पाए परम गीत गाते हुए बाबा मंच पर पंहुचे और मंच पर रखे गए कैनवास पर उनके रंग बिखरने लगे। देखते ही देखते मंच पर बनाए गए स्टैण्ड पर शहीद भगतसिंह साकार हो चुके थे। मैदान में मौजूद दर्शक गीत के साथ इतनी तेजी से चित्र बनता देख कर अचंभित थे। वे समझ ही नहीं पाए कि कब चित्र बना अऔर कब बाबा मौर्य ने अपना गीत समाप्त कर मैदान में मौजूद प्रत्येक दर्शक को अपने सम्मोहन में जकड लिया।
दर्शकों को सम्बोधित करते हुए बाबा ने कई विषयों पर चर्चा की। उन्होने विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार और स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने का आव्हान किया। बाबा ने गंगा,और गौमाता को बचाने की अपील की। उन्होने कहा कि देश में गौमाता को फूड बना दिया गया है। गौमाता को पूजने वाले इस देश में अब ऐसे दानव भी पैदा हो गए है,जो खुलेआम गौमांस खाने की वकालात कर रहे है। साहित्यकारों द्वारा साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाए जाने के मुद्दे पर बाबा ने कहा कि जिन्हे पुरस्कार दिए जाते हैं,उनका साहित्य किसी काम का नहीं। जिन्हे जनता खारिज कर देती है,उन्हे सरकार पुरस्कार देती है और जिन्हे जनता पसन्द करती है,उन्हे कोई पुरस्कार नहीं मिलता। उनका पुरस्कार तो स्वयं जनता ही देती है। बाबा ने दावा किया कि पुरस्कार प्राप्त करने वाले साहित्यकार जनता के मंच पर आधा घण्टा भी टिक नहीं सकते। बाबा मौर्य ने कहा कि देश के लिए जान देने वालों की उपेक्षा की जाती रही है और जिन गांधी जी ने कभी एक भी डण्डा नहीं खाया,उनके फोटो नोट पर छप रहे हैं। बाबा ने कहा कि
नोट पर गांधी जी के अलावा भगतसिंह,अशफाकउल्ला खां,सुभाषचन्द्र बोस जैसे राष्ट्रनायकों के फोटो भी छापे जाने चाहिए। बाबा ने भारतीय संस्कारों को पुनस्र्थापित करने की अपील की। उन्होने लोगों से कहा कि अंग्रेजी के पीछे पागल होने की बजाय हमे अपनी भाषा हिन्दी और मालवी को बढाव देना चाहिए। बाबा के मालवी गीतों पर लोग झूमते रहे। बाबा ने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों से संकल्प कराया कि वे अपने नगर को स्वच्छ व सुन्दर बनाएंगे और भारत को महान बनाएंगे।
कार्यक्रम का समापन बाबा ने भारत माता की आरती से कियाा। प्रसिध्द गीत वन्देमातरम गाकर कर लो भारत मां की आरती के साथ बाबा ने मां कालिका के रुप में भारत माता का चित्र बनाया। कार्यक्रम में महापौर डॉ.सुनीता यार्दे पूरे समय मौजूद थी। भारत माता की आरती के समय विधायक चैतन्य काश्यप,भाजपा जिला अध्यक्ष बजरंग पुरोहित ,महामंत्री प्रदीप उपाध्याय,निगम अध्यक्ष अशोक पोरवाल,सहकारी बैंक अध्यक्ष अशोक चौटाला,समेत अनेक पार्षद,भाजपा नेता,आरएसएस व अन्य संगठनों के पदाधिकारी व बडी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। भारत माता की आरती के लिए बाबा ने तमाम महापौर डॉ.यार्दे समेत तमाम गणमान्य लोगों को मंच पर बुलाया वहीं कार्यक्रम उपस्थित प्रत्येक व्यक्ति को खडे होकर आरती करने का आग्रह किया। भारत माता की आरती और उसके बाद गाए गीतों पर बाबा ने समस्त गणमान्य नागरिकों और परिसर में मौजूद सभी लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। देशभक्ति पूर्ण गीतों पर महापौर,विधायक समेत सभी महत्वपूर्ण लोग झूमकर नाचे।