December 26, 2024

अब बेटी और दामाद पर भी होगी मां-बाप की देखभाल की जिम्मेदारी

05_12_2019-senior_citizen_india

नई दिल्ली,05 दिसंबर (इ खबर टुडे )। अब तक अगर माता-पिता की देखभाल ठीक से ना हो पाती हो तो लोग उनके बेटे-बहू को ही दोष देते नजर आते थे। पराए तो ठीक है घर वाले और तो और उस शख्स की बहन और जीजा भी उसे दोष देते देखे जा सकते थे कि वो माता-पिता का ख्याल नहीं रखते। लेकिन अब ऐसा नहीं हो पाएगा।

अब से माता-पिता की देखभाल की जिम्मेदारी जिनती बेटे और बहू की होगी उतनी है बेटी और दामाद की भी होगी। ऐसा इसलिए क्योंकि केंद्र सरकार ने बुजुर्गों की देखभाल की परिभाषा तय करने वाले मेंटिनेंस ऐंड वेलफेयर ऑफ पैरंट्स ऐंड सीनियर सिटिजन ऐक्ट 2007 में कुछ नई चीजें शामिल की हैं जिनमें यह भी शामिल है कि माता-पिता की देखभाल बेटी और दामाद भी करेंगे।

बिल में किए गए संशोधन के बाद अब इसमें माता-पिता के साथ ही सास-ससुर को भी शामिल किया गया है। फिर चाहे वो वरिष्ठ नागरिक हो या नहीं। उम्मीद जताई जा रही है कि अगले सत्र में यह बिल सदन में पेश किया जा सकता है। इस बिल में किए गए बदलावों को लेकर जो जानकारी है उसके अनुसार इसमें कम से कम 10 हजार रुपए महीना मेंटनेंस देने की सीमा भी खत्म की जा सकती है।

इस बिल में यह भी प्रावधान किया गया है कि देखभाल करने में अगर लोग असफल होते हैं तो उन्हें 6 महीने की सजा भी हो सती है। माता-पिता और सास-ससुर की देखभाल की जो परिभाषा है उसमें भी बदलाव किया गया है और इसमें घर और सुरक्षा को भी शामिल किया गया है।

संशोधनों को लेकर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि इसका मकसद बुजुर्गों को सुरक्षा और सम्मान मिले यह सुनिश्चित करना है। इस प्रस्ताव में गोद लिए गए बच्चों, सौतेले बेटे और बेटियों को भी शामिल किया गया है। संशोधन में ‘सीनियर सिटीजन केयर होम्स’ के पंजीकरण का प्रावधान है और केंद्र सरकार स्थापना, संचालन और रखरखाव के लिए न्यूनतम मानक निर्धारित करेगी।

You may have missed

Here can be your custom HTML or Shortcode

This will close in 20 seconds