May 18, 2024

अपराध करने वाले नाबालिगों के सबसे ज्यादा मामले मध्‍यप्रदेश में

मप्र से बेहतर यूपी व बिहार

भोपाल,26 मार्च (इ खबर टुडे )। नवंबर 2016 में बैतूल के सोनाघाटी में धर्मकांटे के पास मेडिकल संचालक की हत्या हुई। पुलिस तफ्तीश में सामने आया कि दो नाबालिगों ने हत्या अपने गुरु (कथित तौर पर बचपन से दोनों को पाला पोसा) के कहने पर की थी। गिरफ्तार मुख्य आरोपी ने बताया कि मेडिकल संचालक से रंजिश थी। खुद हत्या करता तो फंस जाता और बच्चे पकड़ में भी आ जाते तो उन्हें सजा उतनी न होती।

बच्चों का इस्तेमाल अपराध में करवाने का ये पहला मामला नहीं है। गृह मंत्रालय की रिपोर्ट बताती है कि मप्र नाबालिगों से अपराध करवाने के मामले में देश में नंबर एक पर पहुंच चुका है। मप्र में नाबालिगों द्वारा किए अपराधों में चोरी, लूट-पाट के अलावा हत्या और दुष्कर्म के मामले शामिल हैं।

मप्र से बेहतर यूपी व बिहार
रिपोर्ट के अनुसार मप्र में वर्ष 2012 से 2015 तक विभिन्ना अपराधों को अंजाम देने के चलते 23 हजार 37 किशोरों को पुलिस ने पकड़ा है। इनमें ज्यादातर मामलों में नाबालिग के अपराध को प्रेरित करने के पीछे वयस्कों का हाथ था। इतनी बड़ी संख्या में देश के किसी राज्य में नाबालिग अपराध में नहीं पकड़ाए हैं। यहां तक कि उत्‍तरप्रदेश और बिहार में ही यह संख्‍या मप्र से काफी कम है।

19 हजार से ज्‍यादा मामले दर्ज
प्रदेश में तीन सालों में किशोंरो के अपराध में संलिप्‍त होने के 19 हजार 798 मामले पुलिस ने दर्ज किए। वर्ष 2015 में ही इनकी संख्‍या 6 हजार 583 थी, जबकि इस साल 7870 किशोरों को गिरफतार किया गया। मप्र के बाद महाराष्‍ट्र दूसरा ऐसा राज्‍य है, जहां बच्‍चों को अपराध के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

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