स्वीकृत विकास कार्यों को करवाने के लिए कांग्रेसी पार्षद बैठे धरने पर
भरोसा-महापौर ने असंवैधानिक तरीके से रूकवा दिये थे स्वीकृत कार्य
उज्जैन,12 जुलाई (इ खबरटुडे)।वित्तीय वर्ष 2016-17 के निगम मदों से होने वाले निर्माण कार्यों के अब तक प्रारंभ नहीं होने से नाराज कांग्रेसी पार्षदों ने निगम कमिश्नर कार्यालय के बाहर धरना दे दिया। महापौर ने असंवैधानिक रूप से निगम कमिश्नर को पत्र लिखकर शहर के वार्डों में हो रहे विकास कार्यों को रूकवा दिया था। जिसकी शिकायत पूर्व में भी निगम कमिश्नर को की गई थी लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। अब बारिश हो जाने से शहर के वार्डों में समस्याओं ने विकराल रूप ले लिया है।
निगम उपायुक्त ने 7 दिनों में कार्य प्रारंभ करवाने का दिलाया
मंगलवार को कांग्रेसी पार्षद निगम कमिश्नर से मिलने पहुंचे थे लेकिन उनके मिलने नहीं आने से वे उनके कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए। उपायुक्त ने पहुंचकर 7 दिनों में समस्या के समाधान का आश्वासन दिया तब पार्षद माने। नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र वशिष्ठ के अनुसार महापौर ने निगम कमिश्नर के नाम पत्र लिखा था जिसमें निर्माण कार्य के प्रकरणों में मद टीपांकन के संबंध में लिखा गया। इस पत्र के क्रम में शिल्पज्ञ विभाग के कर्मचारियों द्वारा इसे आदेश मानकर संबंधी समस्त प्रकरण रोककर शहर के विकास कार्य को अवरूध्द कर दिया गया। जबकि नगर निगम अधिनियम 1956 एवं मेयर इन काउंसिल नियम में किसी भी धारा में महापौर को स्वीकृत बजट के कार्यों को रोकने का अधिकार ही नहीं है। महापौर के ऐसा करने से सिंहस्थ महापर्व के आयोजन में पार्षदों के क्षेत्रों में निर्माण कार्य नहीं हो सके।
नवीन बोर्ड का प्रथम सम्मेलन सितंबर 2015 में होने के बाद अब तक लोकनिर्माण समिति का गठन नहीं हो पाया है जबकि निर्माण संबंधी प्रकरणों को लोकनिर्माण समिति में विचारार्थ भेजने हेतु महापौर पत्र में उल्लेख है। महापौर ने स्वीकृत निर्माण कार्यों को रूकवाकर निगम अधिनियम का उल्लंघन किया है। धरने पर बैठे कांग्रेसी पार्षदों से मिलने पहुंचे उपायुक्त आशीष सिंह से नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र वशिष्ठ के साथ पार्षद माया राजेश त्रिवेदी, बीनू कुशवाह, ताराबाई मालवीय, रेखा गेहलोत, प्रमीला मीणा, हेमलता राजेन्द्र कुवाल, गुलनाज खान, हिम्मतलाल देवड़ा, रहीम लाला, सपना सांखला, जफर एहमद सिद्दीकी, विजयसिंह दरबार, आत्माराम मालवीय ने मांग की कि स्वीकृत बजट में निर्माण कार्यों हेतु समस्त उपलब्ध बजट अनुसार मदों का टीपांकन कर शहर विकास हेतु तत्काल निर्णय लेवें। नियमों विधानों के अनुरूप निगम के कार्यों का संचालन किया जाये, जितने भी प्रस्ताव बनाए गए हैं उन्हें तत्काल स्वीकृत किया जाए। कांग्रेसी पार्षदों ने चेतावनी दी कि यदि तत्काल इन विषयों पर कार्यवाही नहीं हुई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। उपायुक्त ने 7 दिनों के अंदर समस्या को हल करने का आश्वासन दिया तब कांग्रेसी पार्षद धरने पर से उठे।