स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार की खरीदी के भुगतान को लेकर अटकलें
भुगतान कराने के लिए सक्रीय हुई भ्रष्टाचारियों की लाबी
भोपाल,18 मार्च(इ खबरटुडे)। प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में कई भ्रष्ट अधिकारियों के भ्रष्टाचार उजागर होने के बाद उन्हे तो हटाया जा चुका है,लेकिन अभी भी बडी संख्या में भ्रष्ट जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की नजरें इस विभाग पर लगी हुई है। पूर्व के भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई तो कछुए की चाल से चल रही है ,लेकिन इसके विपरित भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा की गई करोडों की अनियमित खरीदी के भुगतान कराने के लिए एक बडी लाबी सक्रीय हो चुकी है।
उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य विभाग में वर्ष 2008 से 2012 के बीच पदस्थ रहे महाभ्रष्ट स्वास्थ्य संचालक अशोक शर्मा,योगराज शर्मा आदि द्वारा उनके कार्यकाल में करोडों रुपए की अनियमित खरीदियां की गई थी। इन भ्रष्ट अधिकारियों ने दवाईयों और उपकरणों की खरीद के बाद भुगतान के आदेश भी कर दिए थे। लेकिन जब मामले उजागर हुए और भ्रष्ट अधिकारियों को एक एक करके निलम्बित किया जाने लगा तब इन खरीदियों के भुगतान पर भी रोक लग गई थी। इस प्रकार की तमाम विवादित व गडबडी भरे आदेशों की फाइलें विभाग में तभी से लम्बित पडी हुई थी। नियमानुसार अनियमितताओं की जांच पूरी होने तक ये सारे भुगतान नहीं किए जाने चाहिए लेकिन सरकारी महमको में सक्रीय भ्रष्ट नेता अधिकारियों की लाबी अब इन बिलों के भुगतान के लिए सक्रीय हो चुकी है।
स्वास्थ्य विभाग के सूत्र बताते है कि पिछले चार वर्षो में करीब आठ करोड रुपए के ऐसे भुगतान लम्बित है,जिनमें भारी भ्रष्टाचार हुआ है। सरकारी गलियारों में सक्रीय भ्रष्ट नौकरशाहों और राजनेताओं की लाबी अब येन केन प्रकारेण इस राशि के बिलों को पास कराने के षडयंत्रों में जुट गई है। सूत्र बताते है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर दबाव बनाने के लिए इन बिलों के भुगतान के सम्बन्ध में विधानसभा प्रश्न तक लगा दिए गए है ताकि बिलों के भुगतान को रोकने वाले अधिकारियों पर दबाव बनाया जा सके। स्वास्थ्य महकमे पर नजर रखने वाले लोगों की नजरे अब इस बात पर लगी है कि इन बिलों का भुगतान होता है या नहीं। स्वास्थ्य विभाग में इस बात को लेकर भी चर्चाएं तेज है कि भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कडी कार्यवाही हो पाती है या उनके द्वारा किए गए भ्रष्टाचार का भुगतान हो पाता है।