सिहंस्थ मेला कार्य द्रुत गति से कराएं
संभागायुक्त ने की सिंहस्थ कार्यों की प्रगति की समीक्षा
उज्जैन 29 जून(इ खबरटुडे)। सिंहस्थ में अब कम समय रह गया है, नासिक कुंभ की समाप्ति के पश्चात सितम्बर माह से यहां साधु-समाज का आना प्रारंभ हो जाएगा। मेला क्षेत्र में कार्य द्रुत गति से कराया जाए। संबधित विभागीय अधिकारी कार्य पूरी मुस्तैदी के साथ करें। किसी भी प्रकार की समस्या के निराकरण के लिए वहां पर्याप्त राजस्व एवं पुलिस अधिकारी नियुक्त किए जा रहे हैं। अत: कार्य में किसी प्रकार की ढिलाई न रखें।
संभागायुक्त रवीन्द्र पस्तोर ने आज सोमवार को मेला कार्यालय में सिंहस्थ 2016 के कार्यों की समीक्षा के दौरान ये निर्देश दिए। बैठक में कलेक्टर कवीन्द्र कियावत, पुलिस अधीक्षक एम एस वर्मा, मेला अधिकारी अविनाश लवानिया, एडीएम अवधेष शर्मा, उप मेला अधिकारीगण तथा सभी संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
जब भूमि अधिग्रहित हो चुकी है, तो बुआई क्यों?
बैठक में कलेक्टर ने बताया कि सिंहस्थ कार्यो के लिए क्षिप्रा नदी के आसपास के 11 गांवों की भूमि अस्थाई रुप से अधिग्रहीत की जा चुकी है, एक गांव की किए जाना बाकी है। अधिग्रहीत भूमि पर कार्य करवाए जाने हैं, परन्तु कुछ स्थानों पर अधिग्रहीत भूमि पर संबंधित भूमि स्वामी द्वारा बुआई किए जाने के कारण कार्यों में व्यवधान आ रहा है। संभागायुक्त ने निर्देश दिए कि अधिग्रहीत पूरी भूमि का कब्जा प्राप्त करने की कार्रवाई तुरंत की जाए। कलेक्टर ने संबंधित तहसीलदारों को 3 दिन में कार्रवाई के निर्देश दिए। मेला कार्यालय कार्यस्थलों के आस पास संबधित विभागों के माध्यम से कार्यों से संबधित बोर्ड लगवाए। संभागायुक्त ने मेला क्षेत्र के एसडीएम, तहसीलदार आदि को निर्देश दिए कि वे सुनिश्चित करें कि अधिग्रहीत पूरी भूमि का कब्जा प्राप्त हो तथा भूमि खाली रहें, जिससे वहां कार्य कराए जाने में कोई परेशानी न हो।
किस्से कहानियां न बताएं कार्य करें
संभगायुक्त ने सिंहस्थ संबधी कार्यों की समीक्षा के दौरान लोक निर्माण विभाग, नगर निगम आदि के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे त्वरित गति से कार्य करें, किस्से कहानियां न सुनाएं। उन्होंने निर्देश दिए कि जिन स्थानों पर अधिग्रहीत भूमि पर सिंहस्थ् के कार्य किए जाना प्रस्तावित है वहां पर संबंधित विभाग चूने की लाइन डाले एवं खूटियां गाड़े।
बारिश के कारण न रोकें कार्य
पुलिस अधीक्षक ने अधिकारियों से कहा कि समय कम है अत: बारिश या अन्य कारण से मेले के कार्य न रोकें। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में सुरक्षा के लिए आवश्यकता अनुसार पुलिस बल उपलब्ध करा दिया जाएगा। कार्य में किसी प्रकार की ढिलाई न की जाए।
पटवारियों की ड्यूटी लगाएं
संभागायुक्त ने निर्देश दिए कि समूचे 3 हजार 100 है मेला क्षेत्र में सिंहस्थ के कार्यों की निगरानी आदि के लिए पटवारियों की ड्यूटी लगाएं।
अधिकारी रखें नियमों का ध्यान, कार्यों में हो पारदर्शिता
संभागायुक्त ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि कार्य करवाने में सभी संबंधित अधिकारी सरकारी नियमों का पूरा ध्यान रखें तथा उसी के अनुसार कार्य कराएं। वे भंडार नियमों को अच्छी तरह पढ़ लें। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी कार्यों के टेंडर समय पर निकाले जाएं, टेंडर का निर्धारित दिनांक व समय न बदला जाए। क्रय में भंडार नियमों का पूरा पालन हो, जो दर टेंडर में आई हैं, उनकी बाजार दर से तुलना की जाए, ऐसा न हो कि टेंडर की दर बाजार दर से अधिक हो। क्रय से पूर्व सामग्री का सेंपल लिया जाए। जब सामान आता है, तो उसकी गुणवत्ता परखी जाए। जितने भी टेंडर निकल रहे हैं तथा जितने भी भुगतान हो रहे है, उन्हें सिहस्थ की वेब साइट पर प्रदर्शित किया जाए तथा उसका प्रचार-प्रसार हो। उन्होंने इस संबंध में नगर निगम को विशेष हिदायत दी।
कहां है कार्यों की सूची?
संभागायुक्त ने अधिकारियों से कहा कि वे उनके द्वारा किए जाने वाले कार्यों की पूरी सूची, कार्य योजना एवं कार्यों की प्रगति की पूरी जानकारी प्रस्तुत करें। कार्य समय बद्ध रूप से किए जाएं। प्रत्येक कार्य का एएस, टीएस हो तथा रिवर्स टाइम लाइन भी बनाई जाए।
130 में से 60 किमी रोड निर्माण
सिंहस्थ क्षेत्र में बनने वाले अस्थाई रोड निर्माण की समीक्षा में लोक निर्माण विभाग द्वारा बताया गया कि वहां कुल 130 किमी रोड निर्माण किए जाना है। इसमें से अभी तक 60 किमी रोड निर्माण का कार्य किया जा चुका है। पूरा कार्य सिंतबर अंत तक पूर्ण कर लिया जाएगा। पूरे कराए गए कार्यों के पूर्णता प्रमाण पत्र जारी नहीं किए जाने पर, विभाग को तुरंत पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने के निर्देश दिए गए।
1 नवंबर से दिए जाएंगे नल के कनेक्शन
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा बताया गया कि विभाग द्वारा सिंहस्थ क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति एवं ड्रेनेज का कार्य किया जाना है। पाइप लाइन डालने के कार्य के अंतर्गत 15 किमी लोहे की पाइप लाइन डालने का कार्य 30 सितंबर तक पूर्ण कर लिया जाएगा। छोटी पाइप लाइन का कार्य 15 सितंबर से प्रारंभ किया जाएगा, जो दिसंबर में पूरा कर लिया जाएगा तथा 1 नवंबर से कनेक्शन देना चालू हो जाएगा। यह कार्य फरवरी माह में पूर्ण कर लिया जाएगा। ड्रेनेज कार्य के अंतर्गत 30 दिसंबर तक कार्य कर लिया जाएगा तथा 1 जनवरी से शौचालय से उसके कनेक्शन का कार्य चालू होगा, जो फरवरी माह तक पूर्ण हो जाएगा। संभागायुक्त ने निर्देश दिए कि सीवर लाइन बनने के साथ-साथ ही शौचालय के साथ उसे कनेक्ट करने का कार्य भी किया जाए, जिससे बाद में जमीन खोदने की आवश्यकता न हो।
सभी विभाग अपने जीआईएस मैप में दिखाएं कार्यो की प्रगति
संभागायुक्त ने निर्देश दिए कि सभी विभाग अपने सिंहस्थ् के कार्यों के संबंध में अपने जीआईएस नक्शे दिखाएं तथा नक्शे पर उन कार्यो को प्रदर्शित करें। जो कार्य पूर्ण होते जाएं, उन्हें नक्शे पर अलग रंग से प्रदर्शित किया जाए। कार्यों में अधिक से अधिक आधुनिक तकनीक का प्रयोग किया जाए।
अभी तक 300 खंबे लगे
बिजली विभाग द्वारा बताया गया कि विभाग द्वारा क्षेत्र में 11 केवी की 60 किमी लाइन डलना है तथा 200 किमी क्षेत्र में छोटी लाइन डलनी है। क्षेत्र में 400 ट्रांसफार्मर लगने हैं तथा 8000 पोल खड़े किए जाने हैं। कार्य पूर्ण करने की अवधि 15 दिसंबर निर्धारित की गई है। अधिकारी द्वारा बताया गया कि अभीतक 300 पोल खड़े किए जा चुके हैं। कार्य समयावधि में पूर्ण कर लिया जाएगा।
वीआईपी आने पर रास्ते बंद क्यों?
संभागायुक्त ने महाकाल प्रशासक से पूछा कि वीआईपी आने पर महाकाल मंदिर में दर्शन के रास्ते बंद क्यों किए जाते हैं? उन्होने निर्देश दिए कि वीआईपी भ्रमण के समय भी आम जनों के लिए महाकाल के दर्शन में कोई व्यवधान नहीं होना चाहिए। महाकाल में प्रसाद खराब होने की शिकायत भी आई हैं, यह नहीं होना चाहिए। महाकाल मंदिर में एक प्रशासनिक अधिकारी की 24 घंटे ड्यूटी रहे, जिससे आम जनों को दर्शन में कोई परेशानी न हो तथा सभी व्यवस्थाएं सुचारू चलें। मंदिर में सभी समान होने चाहिएं, कोई विशिष्ट नहीं।
राणोजी की छत्री पर कंट्रोल रूम
पुलिस अधीक्षक श्री वर्मा ने बताया कि सिंहस्थ के दौरान राणोजी की छत्री पर कंट्रोल रूम बनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि गुरूवार 2 जुलाई को प्रात: 10 बजे से संबधित सभी अधिकारी सिंहस्थ क्षेत्र का भ्रमण कर कार्यों की स्थिति देखेंगे।