November 14, 2024

शराब ठेकों में रुचि नहीं ले रहे हैं ठेकेदार

भोपाल,रतलाम सहित अनेक जिलों में नहीं डाले गए टेण्डर

भोपाल/रतलाम,29 फरवरी (इ खबरटुडे)। प्रदेश की आबकारी नीति शराब ठेकेदारों को रास नहीं आ रही है। ठेके में पन्द्रह प्रतिशत की वृध्दि के साथ नवीनीकरण में जहां कोई ठेकेदार राजी नहीं हुआ था,वहीं अब टेण्डर के माध्यम से ठेके लेने में भी ठेकेदारों ने रुचि नहीं दिखाई है। रतलाम भोपाल समेत अनेक जिलों में किसी आबकारी ठेकेदार ने टेण्डर नहीं डाला। यही स्थिति रही तो राज्य सरकार के लिए शराब दुकानों का संचालन एक नई मुसीबत बन सकता है।
उल्लेखनीय है कि राज्य की आबकारी नीति में आबकारी ठेके,वर्तमान ठेकेदार को पन्द्रह प्रतिशत राशि बढा कर देने का प्रावधान रखा गया था। इसके लिए 16 फरवरी तक का समय निर्धारित किया गया था। प्रदेश के अधिकांश जिलों के आबकारी ठेकेदारों ने पन्द्रह प्रतिशत वृध्दि के साथ ठेकों के नवीनीकरण में कोई रुचि नहीं दिखाई थी। परिणामत: आबकारी विभाग ने 29  फरवरी का दिन टेण्डर आमंत्रित करने के लिए नियत किया था।
आबकारी ठेकों की दर में लगातार हो रही बढोत्तरी के परिणामस्वरुप अनेक ठेकेदारों को भारी घाटा उठाना पडा है। ऐसे में अधिकांश ठेकेदार बढी हुई दरों पर ठेके लेने को तैयार नहीं है। इसका नतीजा यह हुआ कि अधिकांश जिलों में प्रशासनिक अधिकारी ठेकेदारों द्वारा टेण्डर डाले जाने का इंतजार करते रहे,लेकिन कोई ठेकेदार टेण्डर डालने नहीं पंहुचे। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार,रतलाम,भोपाल,झाबुआ,
धार,मन्दसौर इत्यादि अनेक जिलों में किसी ठेकेदार ने आबकारी ठेकों के लिए टेण्डर नहीं डाला। रतलाम जिले में शराब की कुल सौ दुकानों में से मात्र 10  दुकानों के लिए टेण्डर डाले जाने की सूचना है। विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार,जिले में जावरा के दो समूहों तथा ताल समूह की कुल दस दुकानों के लिए टेण्डर डाले गए,जबकि शेष पूरे जिले की दुकानों का भविष्य फिलहाल अनिश्चित है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक रतलाम जिले के ठेके कुल करीब 149  करोड रु.के है,जिनमें से मात्र दस प्रतिशत राशि की दुकानों का निर्णय हो पाया है। यहां भी अधिकारी ठेकेदारों का इंतजार करते रहे,लेकिन कोई भी टेण्डर डालने नहीं पंहुचा।
ठेकेदारों का कहना है कि वे बढी हुई दरों पर व्यवसाय करने में असमर्थ है। पिछले छ: वर्षों में आबकारी ठेकों में ३६ प्रतिशत की बढोत्तरी हो चुकी है। ऐसे में अब वृध्दि करना संभव नहीं है। टेण्डर प्रक्रिया में ठेकेदारों द्वारा रुचि नहीं दिखाए जाने के बाद अब आबकारी विभाग द्वारा नए सिरे से टेण्डर आमंत्रित करने के प्रयास किए जाएंगे।

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