रतलाम में दोनों ही दल ‘मैजिक मैनेजमेंट” के सहारे हैं
रतलाम,20 नवम्बर(इ खबरटुडे)।लोकसभा उपचुनाव के लिए गुरुवार को प्रचार थम गया। क्षेत्र में 21 नवंबर को मतदान और 24 नवंबर को मतगणना होगी। प्रचार के अंतिम क्षणों में कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों ने मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी। अब दोनों ही दलों की कोशिश वोटिंग के दिन ज्यादा से ज्यादा संख्या में मतदाताओं को पोलिंग बूथ तक लाने की रहेगी। रतलाम में जहां दोनों ही दल ‘मैजिक मैनेजमेंट” के सहारे हैं।
रतलाम : केंद्रीय मुद्दों को छू भी नहीं पाया चुनाव प्रचार
रतलाम-झाबुआ उपचुनाव के अंतिम दौर में पूरी ताकत झोंकने के बाद भी मतदाताओं की थाह नहीं पाने से भाजपा-कांग्रेस दोनों ही दल परेशान हैं। चुनाव प्रचार समाप्त होने तक भी संसदीय क्षेत्र का यह चुनाव केंद्रीय मुद्दों को छू नहीं पाया। स्थानीय मुद्दे, नेताओं के प्रति असंतोष-नाराजगी पर डैमेज कंट्रोल से लेकर आखिरी दौर में ‘वोट टू वोट मार्किंग’ की रणनीति पर तेजी से काम चल रहा है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और सांसद दिलीप सिंह भूरिया के निधन से रिक्त हुई सीट पर उपचुनाव की घोषणा के दो माह पहले ही दोनों दलों ने तैयारियां बड़े पैमाने पर शुरू कर दी थी। दोनों दलों ने संसदीय क्षेत्र की आठ विधानसभा सीटों पर पिछले चुनाव के परिणाम और वर्तमान स्थिति के आधार पर फायदे और नुकसान का आकलन कर लिया था।
48 घंटे जिसके, जीत उसी की
मंगलवार रात तक मैदानी प्रचार और मतदाताओं तक पहुंचने में जुटी भाजपा और कांग्रेस ने बुधवार सुबह अपने प्लान बदल दिए। अब तक मैदान में काम कर रही बी टीम के साथ दोनों ही दलों की ए टीम सक्रिय हो गई। इस टीम में चुन-चुनकर ऐसे लोगों को शामिल किया गया है जो चुनावी मैनेजमेंट में माहिर हैं। बुधवार को पूरा दिन लोकसभा क्षेत्र की आठों विधानसभाओं में मैदानी टीम काम करती रही।