December 25, 2024

यूपी में छूटा ‘लड़कों’ का साथ, सपा-बसपा गठजोड़ से बाहर हुई कांग्रेस

akhilesh

नई दिल्ली,20 दिसम्बर (इ खबरटुडे)। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में ‘यूपी को यह साथ पसंद है’ और ‘यूपी के लड़के’ का नारा सियासी हवा में रंगत घोल रहा था। पर, यूपी में ‘लड़कों’ का साथ दो-साल भी नहीं चल पाया।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल का हाथ छोड़ बसपा प्रमुख मायावती से हाथ मिला लिया। मायावती ने भी मुलायम के साथ दुश्मनी भुलाकर नई सियासी चुनौतियों से पार पाने के लिए उनके बेटे अखिलेश के साथ मिलकर भाजपा से लड़ने का फैसला ले लिया है।

दोनों पार्टियों के सूत्र बताते हैं कि अब सपा-बसपा गठबंधन की घोषणा औपचारिकता भर बची है। यानी कांग्रेस इस गठजोड़ से बाहर हो गई है। हालांकि राष्ट्रीय लोकदल इस गठबंधन में उनके साथ रहेगा।

दोनों दलों को कांग्रेस संग नहीं दिख रहा सियासी लाभ
सपा-बसपा को लगता है कि कांग्रेस का यूपी में निजी वोट बैंक नहीं है। अगड़ों और पिछड़ों का बड़ा हिस्सा भाजपा के साथ है। मुस्लिम भी कांग्रेस में दिलचस्पी नहीं ले रहे। पिछले विस चुनाव में 6.2 फीसदी वोट पाने वाली कांग्रेस में अपने वोट किसी दूसरी पार्टी के पक्ष में मोड़ने की क्षमता भी नहीं है।

वरिष्ठ बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्रा का कहना है, ‘यूपी में सीटों के बंटवारे के फाइनल होने की जो खबरें चल रही हैं, वे गलत हैं। जब यह तय हो जाएगा तो मीडिया को इसकी जानकारी दी जाएगी।’

वहीं, सपा के राष्ट्रीय सचिव व मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी का कहना है, ‘अभी गठबंधन की औपचारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन भाजपा को रोकने के लिए यूपी में सपा व बसपा मिलकर चुनाव लड़ेंगे। राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव इस पर फैसला लेंगे।’

You may have missed

Here can be your custom HTML or Shortcode

This will close in 20 seconds