November 14, 2024

मुख्‍यमंत्री युवा उद्यमी योजना की मदद से स्‍टोन क्रेशर प्‍लांट के मालिक बने राहुल जायसवाल

रतलाम,05 फरवरी (इ खबरटुडे)। रतलाम के युवा राहुल जायसवाल सिविल इंजीनियरिंग में डिप्‍लोमा लेने के बाद रोजगार के लिए परेशान थे, दोस्‍तों की सलाह पर स्‍वयं का व्‍यवसाय करने की सोची। इसके लिए चाहिए थी बड़ी मात्रा में पूँजी जो उनके साथ नहीं थी। ऐसे में राज्‍य शासन द्वारा संचालित मुख्‍यमंत्री युवा उद्यमी योजना उनका सहारा बनी। योजना में आवेदन किया, उनका प्रकरण स्‍वीकृत हुआ।

बैंक से 1 करोड़ रुपये का ऋण प्राप्‍त हुआ, अब राहुल ने इस राशि से एक बड़ा स्‍टोन क्रेशर प्‍लांट स्‍थापित कर डाला है। यहाँ उपलब्धि उनके जैसे 25 वर्षीय युवा के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है। अब राहुल इस प्‍लांट से प्रतिदिन 5 से 10 हजार रुपये की आय अर्जित कर रहे हैं, वे शहर के एक बड़े व्‍यवसायी बन चुके हैं।

रतलाम की गांधीनगर कॉलोनी के रहने वाले राहुल जायसवाल को वर्ष 2016 के अन्‍त में मुख्‍यमंत्री युवा उद्यमी योजना से ऋण स्‍वीकृत हुआ था, वर्ष 2017 के अप्रैल माह से स्‍टोन क्रेशर प्‍लांट की अधो‍संरचना विकास कार्य शुरू कर दिया। लगभग 6 माह में पूरा प्‍लांट बनकर तैयार हो गया था। प्‍लांट पर इमारतों में इस्‍तेमाल होने वाली रेत एवं गिट्टी बनाई जाती है, राहुल द्वारा अपने क्रेताओं से सतत् सम्‍पर्क रखा जाता है, रेत एवं गिट्टी की नियमित खरीदी ठेकेदारों तथा अन्‍य व्‍यक्तियों द्वारा की जाती है। राहुल बताते हैं कि प्रतिदिन लगभग 50 हजार रुपये का माल उठाव उनके प्‍लांट से होता है। खर्चा काटकर 5 से 10 हजार रुपये प्रतिदिन उन्‍हें आमदनी मिलती है।

रतलाम से करीब 6 किमी दूर ग्राम बिबड़ोद में राहुल द्वारा गजानंद स्‍टोन क्रेशर के नाम से प्‍लांट स्‍थापित किया गया है, वे सुबह 9 बजे से लेकर रात्रि 9 बजे तक प्‍लांट पर ही मुस्‍तैदी से कार्य करते हैं। वे खुद तो सम्‍पन्‍न हुये हैं, अन्‍य 4 से 5 व्‍यक्तियों को भी प्रतिदिन रोजगार देते हैं। राहुल को योजना के तहत 15 प्रतिशत अनुदान तथा 5 प्रतिशत ब्‍याज अनुदान का भी लाभ मिला है, वे प्रतिमाह 1 लाख 38 हजार रुपये की बैंक किश्‍त नियमित रूप से अदा करते हैं। राहुल अभी 2-3 माह पूर्व ही वैवाहिक बंधन में बंधे हैं, जीवनसाथी मिलने के साथ ही स्‍टोन क्रेशर प्‍लांट उनके लिए दोहरी खुशी लेकर आया है, इसके लिए राहुल मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तथा युवा उद्यमी योजना को धन्‍यवाद देते हैं।

You may have missed

This will close in 0 seconds