December 25, 2024

मुख्यमंत्री स्वास्थ शिविर 7 फरवरी को रतलाम में

hard shivier

हार्ट सर्जरी सहित अन्य बिमारियों का बड़े निजी अस्पतालों में होगा ईलाज

रतलाम,17 जनवरी (इ खबरटुडे)। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला रतलाम ने बताया कि रतलाम जिले में मुख्यमंत्री स्वास्थ्य शिविर का आयोजन दिनांक 7 फरवरी को जिला चिकित्सालय रतलाम में किया जायेगा। शिविर के दौरान मेदान्ता हास्पिटल इंदौर एवं ग्रेटर कैलाश हास्पिटल इंदौर के चिकित्सकों के साथ-साथ जिले के चिकित्सा विशेषज्ञ बीस गम्भीर जानलेवा बिमारियों के रोगियों का परीक्षण करेगे।

इनमें से बीपीएल के हितग्राही परिवारों के सदस्यों को राज्य बिमारी सहायता निधि अंतर्गत दो लाख रूपये तक की सहायता उपलब्ध कराकर निजी चिकित्सालयांे में उपचार के लिये भेजा जायेगा।

शिविर के दौरान शुन्य से 18 वर्ष तक के बच्चों के हद्य सर्जरी एवं शुन्य से पाॅच वर्ष तक के बच्चों में काकलियर इम्प्लांट सर्जरी के लिये भी सभी सम्भव प्रयास किये जायेगे। उल्लेखनीय हैं कि शिविर के लिये हितग्राहियों का चिन्हाकंन आरबीएसके टीम एवं खण्ड चिकित्सा अधिकारियों द्वारा अपने स्तर पर किया जा रहा है। सूची बद्ध किये गये चिन्हित मरीजों को विकासखण्ड से जिला स्तर तक लाने के लिये वाहन व्यवस्था अस्पताल में आने के पश्चात मरीज एवं उसके परिजन के लिये भोजन व्यवस्था आदि इंतजाम भी किये जायेगे। शिविर में हद्य रोग सर्जरी , केंसर रोग सर्जरी, गुर्दा प्रत्यारोपण, न्यूरो सर्जरी, स्पाईनल सर्जरी, ब्रेन सर्जरी, सिर की चोटे, वास्कुलर सर्जरी, थोरेसिक सर्जरी, नेफोटिक सिंड्रोम, हिमोडायलेसिस, पेरिटोनियल डायलेसिस, निःसंतानता, रेटिनल डिटेचमेंट सर्जरी इत्यादि के बीपीएल परिवारांे को चिन्हित निजी चिकित्सालयों में भेजकर उपचार उपलब्ध कराया जायेगा।

उल्लेखनीय हैं कि कलेक्टर बी.चन्द्रषेखर ने रतलाम जिले में दिसम्बर अंत तक एक सौ 21 मरीजों को एक करोड़ 29 लाख रूपये से अधिक की राषि राज्य बिमारी सहायता निधि अंतर्गत स्वीकृत कर बीपीएल मरीजों को लाभान्वित किया। पाॅच वर्ष से कम आयु के चार बच्चों को मुख्यमंत्री बाल श्रवण योजनान्तर्गत 26 लाख रूपये की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई गई। मुख्यमंत्री बाल हद्य उपचार योजना के अंतर्गत 26 मासुम बच्चों को दिल में छेद होने पर आर्थिक सहायता स्वीकृत कर दिल की सर्जरी कराई गई। उल्लेखनीय हैं कि योजना में अस्पताल को राषि भेजी जाती हैं। किसी भी स्थिति में मरीज को सीधे राषि नहीं दी जाती है। मरीज द्वारा उपचार पूर्व आवेदन करना आवष्यक है। उपचार कराने के बाद क्लेम, दावा आदि का भुगतान नहीं किया जाता है।

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