Economic Offence: भूमि के साथ अनुदान हेराफेरी के तीन मामलों में प्रकरण दर्ज
ई ओ डब्ल्यू उज्जैन ईकाई ने दर्ज किये तीन अपराध
उज्जैन,15 दिसम्बर (इ खबरटुडे/ब्रजेश परमार )।आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (Economic Offence wing) उज्जैन ने शासकीय भूमि के दस्तावेजों में हैराफेरी कर बन्दोबस्त के समय शासकीय भूमि को हथियाने, फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अन्य की कृषि भूमि को स्वंय की बताकर बैंक से ऋण प्राप्त करने एवं राज्य शासन द्वारा उद्योग सर्वधन नीति 2014 जिसके अन्र्तगत सूक्ष्म लघु एवं मध्यम श्रेणी के विनिर्माण उद्ययमो को उद्योग सर्वधन हेतु सुविधाए प्रदाय करने की दृष्टी से मध्य प्रदेश एम. एस.एमपी प्रोत्साहन योजना 2014 का लाभ लेने हेतु असत्य दस्तावेजों के आधारों पर ऋण प्राप्त करने के प्रकरण सहित पृथक-पृथक तीन अपराध दर्ज किये गये है।
आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ ईकाई उज्जैन एसपी दिलीप सोनी के अनुसार तीनों ही मामलों में प्राथमिक जांच के उपरांत प्रकरण दर्ज कर विवेचना में लिये गए हैं। एक मामला उज्जैन जिले के नागदा का,दुसरा देवास जिले के ग्राम आगरी तहसील टोंकखुर्द एवं तीसरा उघोग विभाग उज्जैन से संबंधित है।
मामला-1
निजी भूमि में हेराफेरी कर शासकीय भूमि से विनिमय-
नागदा जिला उज्जैन निवासी कृषक श्रवण सिंह शेखावत द्वारा तत्का, सहायक बन्दोबस्त अधिकारी एल.एन. शर्मा एवं अन्य राजस्व अधिकारियों से सांठगांठ कर षडयंत्र पूर्वक अन्य कृषक की निजी स्वामित्व की भूमि को राजस्व रिकार्ड में हेरफेर कर स्वंय की बताकर की शासकीय भूमि से विनिमय किया। श्रवण सिंह शेखावत ने बेईमानी के आशय से छलपूर्वक पहले विनिमय से शासकीय कृषि भूमि प्राप्त की एवं उस पर कब्जा करने के उपरान्त सरकार को सौपी गई अपने निजी खाते की भूमि को भी पुनः अपने निजी खाते मे छलपूर्वक दर्ज करवा ली। शिकायत जॉच मे संकलित दस्तावेजों मौखित साक्ष्यों के परीक्षण एवं परिशीलन के आधार पर श्रवण सिंह, तत्का. सहायक बन्दोबस्त अधिकारी एल.एन. शर्मा, तहसीलदार शिवाकान्त पाण्डेय व अन्य राजस्व अधिकारियों के विरूद्ध भारतीय दण्ड विधान एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारान्तर्गत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना मे लिया गया है।
मामला-2
भूमि पर नाम परिवर्तन कर शासन से धोखाधडी-
देवास जिला अंतर्गत ग्राम आगरी तहसील टोंकखुर्द स्थित भूमि जो 2004-05 व इसके पूर्व शासकीय मद में दर्ज थी, को अनावेदिका केलमबाई पति दिलीप सिंह गुर्जर निवासी समसखेडी द्वारा तत्कालीन पटवारी श्री अमित शर्मा, तत्कालीन राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ षंडयंत्र कर वर्ष 2008-09 में बंटाकन कर उक्त भूमि पर मालिकाना हक श्रीमती केलमबाई पति दिलीप सिंह गुर्जर के नाम परिवर्तित कर राजस्व विभाग के पोर्टल पर अपलोड करवाया। नर्मदा झाबुआ ग्रामीण बैंक शाखा इकलेरा के प्रबंधक पाद वडनेरकर को पंडयंत्र मे शामील कर फसल बीमा की दावा राशि एवं केसीसी ऋण के रूप मे लगभग 4,12,225/- रूपयें छल पूर्वक प्राप्त कर शासन को आर्थिक हानि कारित करने सें, उनके विरूद्व भारतीय दण्ड विधान एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारान्तर्गत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना मे लिया गया।
मामला-3
पूर्व से संचालित ईकाई को नई बताकर गलत अनुदान लिया-
राज्य शासन द्वारा उद्योग सर्वधन नीति 2014 अर्न्तगत सूक्ष्म लघु एवं मध्यम श्रेणी के विनिर्माण उद्ययमो को उद्योग सर्वधन हेतु अनुदान सहायता प्रदान कर प्रोत्साहित किया जाता है। मेसर्स शांकम्बरी इंटरप्राईजेस द्वारा योजनांर्तगत गलत तरीके से फायदा देने के लिये इकाई को नवीन इकाई के रूप में दर्शाया जबकि उक्त इकाई पूर्व से ही अपात्र श्रेणी के उत्पाद सभी प्रकार के प्रकाशन एवं मुद्रण प्रकियाऐ (रोटोगेवर एवं फलेक्स प्रिंटीग को छोडकर) का उत्पादन कार्य कर रही थी। इकाई ने अनुदान डयूप्लेक्स कार्ड बोर्ड निर्माण हेतु लिया है। मंयक डाबर सहायक प्रबंधक जिला व्यापार एवं उघोग केन्द्र उज्जैन, आदित्य तिवारी प्रबंधक जिला व्यापार एवं उघोग केन्द्र उज्जैन, विनीता रूंगटा मेसर्स शाकम्बरी इन्टरप्राईजेस मक्सी रोड उज्जैन व अन्य संबधितों से सांठगांठ कर पूर्व से संचालित अपात्र श्रेणी की इकाई को पात्र की श्रेणी में लाकर छलपूर्वक बेईमानी के आशय से इकाई को 19 लाख रूपये का आर्थिक लाभ पहुँचाने के साक्ष्य पाये जाने से भारतीय दण्ड विधान एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।