बेणेश्वर धाम पर उमडा हिन्दू समाज
सरसंघचालक की सभा,सड़कों पर लगे जाम
(बेणेश्वर धाम से लौटकर तुषार कोठारी)
बेणेश्वरधाम,2 अक्टूबर। बांसवाडा से करीब पच्चीस किमी दूर माही और चम्बल के संगम स्थल पर स्थित बेणेश्वर धाम पर आयोजित हिन्दू सम्मेलन में इतना जनसैलाब उमडा कि बेणेश्वर धाम जाने वाले सारे रास्ते जाम हो गए। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ.मोहन भागवत ने यहां एकत्रित हिन्दू समाज को सम्बोधित करते हुए कहा कि धर्म और अधर्म के युध्द में धर्ममार्ग पर चलना होगा,तभी देश को बचाया जा सकेगा। उन्होने कहा कि दिल्ली की सत्ता पर उसे बैठाना होगा जो अयोध्या में राम मन्दिर का निर्माण करने को तत्पर हो। कार्यक्रम में उत्तम स्वामी भी मौजूद थे।
मानगढ धाम बलिदान शताब्दि समारोह के उपलक्ष्य में आयोजित हिन्दू सम्मेलन में सरसंघचालक ने बिना किसी नेता या पार्टी का नाम लिए कहा कि देश में धर्म और अधर्म का संघर्ष चल रहा है। एक दल धर्म के साथ है तो दूसरा अधर्म के साथ। उन्होने उपस्थित जनसमुदाय से कहा कि हमें योग्य नेता और दल को चुनना होगा। यह देखना होगा कि कौन नेता और दल अयोध्या में भव्य राम मन्दिर निर्माण कर सकता है,कौन बिना अनुमति भारत में रह रहे विदेशियों को निकाल बाहर कर सकता है,कौन देश को सुरक्षित रख सकता है,कौन गौहत्या पर प्रतिबन्ध लगा सकता है? इन प्रश्नों पर विचार करके ही मतदान करना होगा। धर्मसभा को उत्तम स्वामी अच्युतानन्द जी महाराज ,संत रोहित पुरी आदि ने भी संबोधित किया। इस मौके पर श्री भागवत ने वनवासी समाजसुधारक गोविन्द गुरु और मानगढ धाम पर आधारित एक पत्रिका का विमोचन भी किया।
एक लाख से ज्यादा की भीड,रास्ते हुए जाम
सरसंघचालक की सभा सुनने के लिए बांसवाडा क्षेत्र के हजारों गांवों का हिन्दू समुदाय यहां उमड पडा था। बेणेश्वर धाम पर बनाया गया सभास्थल का पाण्डाल तो कार्यक्रम शुरु होने से पहले ही खचाखच भर चुका था,जबकि कार्यक्रम स्थल से पांच किमी दूर तक आने वालों का तांता लगा हुआ था। हजारों की तादाद में बसों,ट्रैक्टरों और अन्य वाहनों में भर कर महिला पुरुषों के जत्थों के आने का सिलसिला चल रहा था। बेणेश्वर धाम के पांच किमी दूर से ही रास्तों पर जाम लग गया था और सड़कों पर पांव धरने की जगह नहीं थी। कार्यक्रम में आए लोगों में वनवासी महिला पुरुषों की संख्या काफी अधिक थी।
नाकाफी इंतजाम
ना तो आयोजकों को इतनी भीड उमडने की उम्मीद थी और ना प्रशासन को। एक लाख से अधिक लोगों के आने के बावजूद पुलिस का इंतजाम बेहद नाकाफी था। कार्यक्रम में भाग लेने के लिए महिलाएं और युवतियां भी हजारों की तादाद में पंहुची थी। इतना बडा कार्यक्रम होने के बावजूद स्थानीय प्रशासन ने कोई विशेष व्यवस्था नहीं की थी। गनीमत यह रही कि कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। बेणेश्वर धाम को जाने वाले बिना रैलिंग वाले पुल पर खचाखच भीड जमा थी। पुल के नीचे नदी का तेज बहाव था। इसके बावजूद कोई हादसा नहीं हुआ।