November 23, 2024

नर्मदा को स्वच्छ बनाने के लिए जुड़ रहे हैं आमजन

रतलाम,07 फरवरी (इ खबरटुडे)।नर्मदा नदी को स्वच्छ, निर्मल एवं सुंदर बनाने के लिए एक ओर जहाँ शासन पूरी तरह से संकल्पित है, वहीं दूसरी ओर आमजन भी इसमें सहभागिता कर नदी को स्वच्छ एवं निर्मल बनाने के लिए जुट गए हैं। नर्मदा सेवा यात्रा में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा लिया गया संकल्प देवास जिले में धरातल पर दिख रहा है।नेमावर में माँ नर्मदा के तट को स्वच्छ एवं सुन्दर बनाने के लिए वेलफेयर सोसायटी द्वारा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, विज्ञान भवन, भोपाल के सहयोग से नदी के तटों की साफ-सफाई की गई है। स्वयंसेवी संस्थाओं का कहना है कि माँ नर्मदा प्रदेश की जीवनदायनी है, यदि यह नदी दूषित हो गई तो आम लोगों को इसके पानी से वंचित रहना पड़ेगा। भोपाल की संस्था के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने आमजन को नर्मदा नदी, तटों एवं अन्य स्थानों पर साफ-सफाई रखने की जानकारी दी है और उन्होंने कचरा पात्र भी वितरित किए हैं।

संस्था द्वारा प्रतियोगिताएँ कर लोगों को नर्मदा नदी एवं अन्य स्थानों पर साफ-सफाई के महत्व को बताया गया है। नेमावर में आए श्रद्धालु, निवासियों एवं आमजन ने नर्मदा नदी को स्वच्छ बनाए रखने के लिए स्वच्छता का संकल्प लिया है। वे अब लोगों को नर्मदा में कचरा, पूजन सामग्री एवं अन्य सामग्री को विसर्जित नहीं करने देंगे।
नेमावर में नर्मदा नदी को प्रदूषण से बचाने के लिए विशेष सीवरेज लाइन और ट्रीटमेंट प्लांट का काम जल्द ही शुरू किया जा रहा है। इस कार्य के डीपीआर के तहत अब काम की जिम्मेदारी नई दिल्ली की फर्म को सौंप दी गई है। दो साल में प्रोजक्ट पूरा कर लिया जाएगा। काम पूरा होने पर ट्रीटमेंट से सीवरेज के पानी की बॉयोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड घटकर 5 प्रतिशत ही रह जाएगी। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से मल-जल को साफ किया जायेगा। पूजन सामग्री के लिये नर्मदा नदी के तटों पर पूजन-कुण्ड बनाये जायेंगे। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को सफलता से संचालित करने के लिये निर्माण करने वाली संस्था से 10 वर्ष के लिए करार किया जायेगा। तब इस पानी का इस्तेमाल उद्यानिकी, वृक्षारोपण, कृषि सहित अन्य कार्यों में आसानी से किया जा सकेगा।

अन्नू इंफ्रा के प्रोजेक्ट कॉर्डिनेटर का कहना है कि प्रोजेक्ट को दो साल में पूरा करना है लेकिन कम्पनी इसे 14 माह में ही पूरा करने का टारगेट लेकर चल रही है। योजना में क्षतिग्रस्त सड़कों का पुनर्निर्माण कर यथास्थिति में लाया जाएगा। प्रोजेक्ट के शुरू होने से नर्मदा का जल निर्मल बहता रहेगा। प्रोजेक्ट के तहत कुल 0.83 मिलियन लीटर प्रतिदिन (एमएलडी) क्षमता के 2 सीवरेज ट्रीटमेंट बनेंगे। सात तताई में 0.30 एमएलडी और दूसरा खाई पार में 0.3 एमएलडी क्षमता का रहेगा। साततलाई में 1.5 एचपी और खाई पार में 2 एचपी के 2-2 रॉ सीवेज पम्प लगेंगे।
नेमावर नगर में 9.34 किलोमीटर लम्बाई के सीवर नेटवर्क बिछाया जाएगा। अलग-अलग साइज के 315 मेन होल और 124 इंटरसेप्टर टैंक बनेंगे। नगर के सभी घरों और दुकानों में कनेक्टशन के माध्यम से गंदा पानी लाइनों के जरिए ट्रीटमेंट प्लांट पहुँचाया जाएगा। जानकारी अनुसार 8 करोड़ 2 लाख रुपये में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा और लाइन डलेगी। दस वर्षों तक रख-रखाव पर अनुमानित 4 करोड़ 51 लाख रुपये खर्च होंगे। प्रोजेक्ट की लागत 12 करोड़ 71 लाख रुपए है।

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