November 22, 2024

कांग्रेस की जनचेतना-यात्रा भाजपा की विदाई यात्रा होगी

135 घंटे: 1430 किलोमीटर: 250 सभाएं: 21 विधानसभा सीटों में पहुंचे
बेहाल किसान, भ्रष्टाचार अपराध, अवैध उत्खनन और विकास के ढोंग पर तीखे प्रहारभोपाल 21 मई (इ खबरटुडे)। जन चेतना यात्रा के नौ दिनों में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने 120 घंटों में 1430 किलोमीटर की यात्रा की उन्होंने 250 से अधिक नुक्कड़ और जन सभाओं को संबोधित किया और सागर संभाग की 26 मे से 21 विधानसभा सीटों पर अपनी आमद दर्ज कराई। कांग्रेस द्वारा जरी अधिकारिक प्रेस बयान में कहा गया है कि जनता की जिज्ञासा उनका स्वतः स्फूर्त घरों से निकलना इस बात का द्योतक है कि जनता परिवर्तन चाहती है।

प्रेस क¨ ज¨री प्रदेश कांग्रेस के प्रेस न¨ट में कहा गया है कि नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह द्वारा नवम्बर 2011 में लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के आरोपों को भाजपा सरकार ने नकार कर इधर-उधर की बात करके मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने जो कन्नी काटी थी उसी दिन यात्रा निकालने का संकल्प नेता प्रतिपक्ष श्री सिंह ने किया था। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया और प्रभारी श्री बी.के. हरिप्रसाद से चर्चा कर उन्होंने जनचेतना-यात्रा की तैयारी शुरू की। जनचेतना-यात्रा के नौ दिनों में उनका मकसद गांवों तक पहुंचना आम जनता की परेशानियों को जानना और भाजपा के असली चेहरे को बताना था। इसके साथ ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं को एक मंच पर लाकर उन्हें सक्रीय करना भी था। श्री सिंह अपने इस मकसद में इस मायने में सफल रहे कि उनकी यात्रा को व्यापक जन समर्थन बुंदेलखंड में मिला। बुंदेलखंड जो कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव राहुल गांधी की सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल है और जिसे सर्वाधिक विकास की दरकार है इसलिए उन्होंने भाजपा के कुशासन के खिलाफ इस इलाके के सबसे पवित्र और धार्मिक नगरी और बुंदेलखंड का एक छोर ओरछा को जनचेतना-यात्रा के लिए चुना। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने जन चेतना यात्रा मं भ्रष्टाचार, बढ़ते अपराध, बेहाल किसान, खनिज संपदा की लूट, और भाजपा के विकास के ढोंग पर तीखे प्रहार किए। उनकी यात्रा ने ग्रामीणों को भाजपा सरकार का सच बताया।
नौ दिन चले 135 घंटों में नेता प्रतिपक्ष की कई सभाएं दो से ढाई बजे रात में हुई। इसमें भी हजारों की संख्या में उपस्थित लोग अजय सिंह को सुनने को बेताबी से प्रतीक्षा करते रहे। स्थानीय विधायकांे, कांग्रेस कार्यकर्ताओं के सभी लोगों की एकजुटता इस बात का परिचायक थी कि लोग चाहते थे कि कांग्रेस अब सड़कों पर निकले। औसतन सवा सौ से डेढ़ सौ किलोमीटर की यात्रा तय करने वाली जनचेतना-यात्रा बीच-बीच में कई नुक्कड़ और बड़ी जन सभाओं में बदल जाती थी। जंगलों, कस्बों, गांवों और नगरों से होती जनचेतना-यात्रा का रात्रि विश्राम भी किसी छोटे कस्बे में ही होता था।
नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि जनचेतना-यात्रा दरअसल भाजपा की विदाई यात्रा है। सरकार को अपने व्यक्तिगत हित और सुख में तब्दील करने वाली भाजपा को अब इस प्रदेश की जनता सहन नहीं करेगी।

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