मकान के लिए बेटी ने नानी के साथ मिलकर जिंदा मां को मृत बताया
उज्जैन20 दिसम्बर(इ खबरटुडे)। मकान के लिए बेटी ने नानी के साथ मिलकर अपनी ही मां को मृत बता दिया। नानी और नातिन की जोड़ी ने पहले किरायेदार को निकालने के लिए झूठा शपथ पत्र दिया फिर झूठा शपथ पत्र बनाकर महिला को मृत बता दिया और स्वयं को मकान का हकदार।
महिदपुर में रहने वाली राधाबाई पिता रामचंद्र ने सोमवार को प्रेस क्लब में पत्रकारवार्ता लेकर बताया कि उसका विवाह उज्जैन के केसरीमल से हुआ था किंतु केसरीमल की दिगामी हालत असंतुलित होने के कारण राधाबाई महिदपुर में ही रह रही थी और वहीं मजदूरी करती थी। राधाबाई के पिता रामचंद्र का स्वर्गवास 13 मार्च 1997 को हो गया। रामचंद्र के स्वामित्व एवं आधिपत्य का मकान 16/1 होकर केसरपुरा महिदपुर में है इस मकान का आधिपत्य राधाबाई के पिता रामचंद्र का ही है।
लेकिन रामचंद्र की मृत्यु के बाद आधे भाग में रामचंद्र की मां मुन्नीबाई का आधिपत्य एवं स्वामित्व हो गया। राधाबाई आधे हिस्से पर रहती रही एवं उसमें से आधे हिस्सा धुलजी पिता भेरूलाल प्रजापति को 20 वर्ष पूर्व किराये पर दे दिया। इस बीच मुन्नी ने राधाबाई को बिना बताये नगर पालिका में संपूर्ण मकान पर अपना नाम अंकित करवा लिया। इस बीच 14 माह पूर्व राधाबाई के पति केसरीमल की तबीयत खराब होने पर वह उनकी देखभाल के लिए उज्जैन चली गई। इस बीच राधाबाई की पुत्री मीना तथा मुन्नी ने मिलकर बाले-बाले मकान का आधा हिस्सा महिदपुर निवासी मुमताज पति नासिर खां को बेच दिया।
मुमताज ने नगर पालिका के रिकार्ड में भी इस मकान के कुछ भाग में अपना नाम अंकित करवा लिया। वहीं 13 जनवरी 2015 को मुन्नीबाई ने भाड़ा नियंत्रक प्राधिकारी को राधाबाई के नाम से झूठा आवेदन दिया कि अब राधाबाई को रहवास के लिए किराये पर दिये हुए मकान की आवश्यकता है इसलिए धुलजी को निकाला जाए। वहीं 24 फरवरी 2015 को मुन्नीबाई ने न्यायालय को गुमराह करते हुए आदेश 6 नियम 17सीपीसी का आवेदन पत्र प्रस्तुत किया इस आवेदन में मुन्नी ने लिखा है कि राधाबाई की मौत हो चुकी है। इस संबंध में 3 मार्च 2015 को एक शपथ पत्र तस्दीक करवाकर भाड़ा नियंत्रक प्राधिकारी महिदपुर को दिया। 3 मार्च को राधाबाई की पुत्री मीना ने भी शपथ पत्र में मां को मृत बताया और स्वयं को राधाबाई के हिस्से की हकदार बताया।