December 24, 2024

पति-सास ने कोख में मार डाले जुड़वां बच्चे, महिला की हालत नाजुक

save gril

श्योपुर ,27 मई(इ खबरटुडे)। पति, सास और देवर ने इतना पीटा कि कोख में पल रहे जुड़वां बच्चों की मौत हो गई। गर्भ में बच्चाें की मौत के बाद महिला की तबियत खराब हो गई। जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने इलाज से हाथ खड़े कर दिए। महिला को कोटा ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने पेट काटकर जुड़वा बच्चाें के शव निकाले। ऑपरेशन के बाद महिला थाने पहुंची और कोख उजाड़ने वाले पति, सास व देवर के खिलाफ शिकायत की, लेकिन पुलिस ने उसकी एक न सुनी। थाने में ही महिला की तबियत फिर बिगड़ गई और तत्काल जिला अस्पताल लाया गया।

यह आपबीती है कांचरमूली गांव की 26 वर्षीय मेवा पत्नी काडू बैरवा की। मेवाबाई बेहद नाजुक हालत में जिला अस्पताल में भर्ती है। बकौल मेवाबाई उसकी शादी 6 साल पहले कांचरमूली के काडू बैरवा के साथ हुई। आए दिन पति, सास उसे प्रताड़ित करते है, लेकिन 20 दिन पहले एक लकड़ी जलाने की बात पर पहले सास और फिर पति व देवर ने इतना पीटा कि, उसके पेट में पल रहे 7 माह के जुड़वा बच्चाें की मौत हो गई।

मेवाबाई के अनुसार पति, सास व देवर ने उसके पेट में लातें मारी इससे उसके बच्चे मर गए। बच्चों की मौत के बाद उसकी तबियत खराब हुई तो जिला अस्पताल लाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने कोटा रैफर कर दिया। कोटा में जांच के बाद पता लगा कि, गर्भ में पल रहे जुड़वां बच्चों की मौत हो गई है। बच्चों की मौत के बाद पेट में जहर फेलनें का खतरा बताते हुए डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर पेट काटा और जुड़वा बच्चों के शव बाहर निकाले।

पुलिस बोली पीड़िता को बुलाओ, आ गई तो भी नहीं सुनी
मेवाबाई के अनुसार उसके भाई व पिता इस बात की शिकायत लेकर मानपुर थाने पहुंचे, लेकिन वहां पुलिसकर्मियों ने यह कहकर लौटा दिया कि जिसके साथ मारपीट हुई है उसे बुलाओ। मेवाबाई ने बताया कि कोटा से 5 हजार रुपए में गाड़ी किराए से की और पेट में टांके लगी हालत में ही वह गुरुवार को मानपुर थाने पहुंच गई और पति काडू, सास लुहाड़किया और देवर नरोत्तम उर्फ नागाराम बैरवा के खिलाफ शिकायत की, लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज करने से मना कर दिया।

मामला बढ़ा तो दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज
मामला तूल पकड़ने लगा तो मानपुर पुलिस ने आनन-फानन मंे मामला दर्ज कर लिया, लेकिन आधा अधूरा। पुलिस ने केवल दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज किया, लेकिन हकीकत यह है कि मारपीट के बाद मेवाबाई की जान खतरे में और उसके दो बच्चे गर्भ में ही मर गए। कायदे से तो पुलिस को हत्या के प्रयास और भ्रूण हत्या का मामला दर्ज करना चाहिए था, लेकिन ऐसा कुछ नहीं किया।

You may have missed

Here can be your custom HTML or Shortcode

This will close in 20 seconds