‘नो एंट्री’ के बावजूद सहारनपुर के लिए रवाना हुए राहुल गांधी, साथ आ सकते हैं अखिलेश
सहारनपुर ,27 मई(इ खबरटुडे)। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी रोक के बावजूद आज सहारनपुर जा रहे हैं. सहारनपुर प्रशासन ने राहुल गांधी को सहारनपुर आने की अनुमति नहीं दी है. सुबह 9 बजे राजबब्बर और गुलाम नबी आजाद उनके आवास पहुंचे. सुबह 8 बजे सोनिया गांधी से मिलने 10 जनपथ पहुंचे, वहां से वो 9 बजे अपने घर लौटे. प्रशासन ने राहुल के हेलीकॉप्टर को सहारनपुर में उतारने की इजाजत नहीं दी है, वो सड़क मार्ग से सहारनपुर पहुंचेगे. राहुल गांधी के साथ सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी शामिल हो सकते हैं.शुक्रवार को सहारनपुर के शब्बीरपुर पहुंचे कांग्रेस नेता पीएल पुनिया ने कहा कि अगर प्रशासन अनुमति नहीं देता है तो भी राहुल सहारनपुर जाएंगे. इससे पहले सहारनपुर जिले के एसएसपी बबलू कुमार ने कहा कि राहुल को सहारनपुर आने की अनुमति नहीं दी गई है. कुमार को एसएसपी सुभाष चंद्र दुबे के स्थान पर लाया गया है, जिन्हें सहारनपुर की जातीय हिंसा और संघर्ष के मद्देनजर 24 मई को निलंबित कर दिया गया था. राहुल का शनिवार को शब्बीरपुर गांव जाने का कार्यक्रम था. जहां पांच मई को दलितों के मकानों को आग लगाई गई थी.
प्रशासन ने नहीं दिया कोई जवाब
कांग्रेस नेता और SC/ST आयोग के अध्यक्ष पीएल पुनिया शुक्रवार को सहारनपुर के जिला अस्पताल पहुंचे. पुनिया ने कहा कि शब्बीरपुर की हिंसा राज्य सरकार और जिला प्रशासन की नाकामी है. हिंसा पीड़ित लोगों को न्याय और मुआवजा मिलना चाहिए. पुनिया ने कहा कि हमने राहुल गांधी के दौरे को लेकर जिला प्रशासन से लिखित अनुमति मांगी है, लेकिन कोई जवाब नहीं मिल पाया है.
गौरतलब है कि पिछले एक महीने से अधिक समय में 20 अप्रैल, 5 मई, 9 मई और 23 मई को यहां जो घटनाएं घटी, उसने इस जिले के शांतिप्रिय माहौल को प्रभावित किया है. इस दौरान ऐसा महसूस किया गया कि कहीं न कहीं पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली में कमी रही और उसी का नतीजा रहा कि योगी सरकार ने यहां प्रशासनिक स्तर पर नई टीम भेजी, जो पूरे मामले की समीक्षा करते हुए इस माहौल को शांत और सामान्य करने मे जुटी है.
क्या है पूरा मामला?
सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव में महाराणा प्रताप शोभायात्रा के दौरान हुए एक विवाद ने हिंसक रूप ले लिया था. इसके बाद विशेष जाति पर दलितों के साथ अत्याचार करने और उनके घर जलाने का मामला सामने आया था. इस मामले में भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. इसके बाद बीते रविवार को भीम आर्मी कार्यकर्ताओं ने बड़ी संख्या में दिल्ली के जंतर मंतर पहुंचकर प्रदर्शन किया था.