November 16, 2024

नियमों को ताक पर रखकर चलाई जा रही है शराब दुकानें

नियमों की अनदेखी से शासन को नुकसान,अधिकारियों की पौ बारह

रतलाम,23 सितम्बर(इ खबरटुडे)। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित हो रही शराब दुकानों पर जमकर अवैधानिकता हो रही है। अंग्रेजी शराब की दुकान पर देशी शराब बेची जा रही है,वहीं स्वीकृत स्थान की बजाय अन्य स्थानों पर दुकान चलाई जा रही है। नियमों को ताक पर रखने वाले शराब माफियाओं के कारण आबकारी विभाग के अधिकारियों की पौ बारह हो रही है। उन्हे मोटी कमाई हासिल हो रही है और इसके एवज में वे तमाम गडबडियों की ओर से आंखे मूंदे रहते है।
आबकारी महकमे की जानकारी रखने वाले सूत्रों का कहना है कि जिले में कई स्थानो पर जमकर अवैधानिकता की जा रही है। रावटी में अंग्रेजी शराब की दुकान स्वीकृत है,लेकिन दुकान संचालक अंग्रेजी शराब की दुकान पर बेहिचक अवैध देशी शराब का विक्रय कर रहा है। लम्बे समय से गडबडझाला चल रहा है लेकिन आबकारी विभाग के अधिकारी इस ओर नजर डालने तक को तैयार नहीं है।
ऐसी ही अनियमितता शहर से सटी हुई सालाखेडी दुकान पर चल रही है। सालाखेडी में पहले देशी शराब की दुकान स्वीकृत थी,लेकिन अब देशी शराब की दुकान बन्द कर यहां अब अंग्रेजी शराब की दुकान स्वीकृत की गई है। दुकान संचालक अंग्रेजी शराब की दुकान पर अवैध देेशी शराब भी बेच रहा है। इससे जहां शासन को नुकसान हो रहा है,वहीं अवैध शराब व्यवसाय को प्रोत्साहन भी मिल रहा है। शहर से एकदम सटे होने के बावजूद आबकारी महकमे को इस अनियमितता पर कोई आपत्ति नहीं है। सूत्रों का कहना है कि अनियमितता वाली दुकानों से आबकारी विभाग के महकमों को मासिक बन्दी मिलती है।
ग्राम दंतोडिया में तो और भी बडा कमाल है। देशी शराब की दुकान ग्राम दंतोडिया के लिए स्वीकृत है,लेकिन दंतोडिया में दुकान नहीं चलती। दुकान संचालक ने दंतोडिया की इस दुकान को अपनी मनमर्जी से मोरवनी में स्थानान्तरित कर लिया है। लम्बे समय तक तो मोरवनी में चल रही दुकान पर दंतोडिया का बोर्ड लगा हुआ था। लेकिन कुछ ही दिनों पहले दुकान संचालक ने इस बोर्ड पर पेन्ट पोत दिया और अब दुकान पर दंतोडिया की बजाय मोरवनी ही लिख दिया है। आबकारी विभाग के दस्तावेजों में यह दुकान आज भी दंतोडिया में ही चल रही है।
उल्लेखनीय है कि शराब दुकानों के संचालक सरकारी शराब की दुकानों पर बेहचक अवैध शराब बेच रहे है। ये सारी गडबडियां आबकारी विभाग की मिलीभगत से ही हो रही है। दुकान संचालकों को किसी अनियमितता का कोई भय नहीं है,क्योंकि वे जानते है कि जिन्हे कार्यवाही करना है,वे खुद दुकान संचालकों से मोटी रकम वसूल रहे है।

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