May 10, 2024

Insensitivity : आउटसोर्स कर्मचारियों पर सरकार संवेदनहीन क्यों है ..!

-चंद्रमोहन भगत

मध्य प्रदेश विद्युत कंपनी में ठेके पर काम करने वाले कियोस्क और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की मासिक मजदूरी ₹8913 मात्र है । कहने को मासिक वेतन है पर यह 26 दिन की मजदूरी का मेहनताना है । जबकि यही कर्मी आईटीआई ट्रेंड होकर खंभे पर चढ़कर जान को खतरे में डालकर काम करते हैं । प्रदेश भर में ऐसे विद्युत कंपनी में 45000 कर्मचारी काम कर रहे हैं। इनमें से आज तक 800 कर्मचारी कि काम करते हुए मौत हो चुकी है । अब तक काम के दौरान मृत कर्मियों को कंपनी ने प्रति कर्मी मात्र ढाई लाख रुपया ही मुआवजा परिवार को दिया है । मतलब संवेदनहीन शिवराज सरकार मे एक प्रशिक्षित युवा की कीमत ढाई लाख रुपए मात्र है। इन कर्मचारियों का जिस प्रकार कंपनी शोषण कर रही है वह भी सरकारी एजेंसी बनकर यह सोंचने को मजबूर करती है कि प्रदेश की भाजपा सरकार अपने प्रदेश के बेरोजगार युवाओं के प्रति इतने संवेदनहीन कैसे हो सकती है ?

कियोस्क कंपनी निजी संस्था होकर दूसरे राज्य से यहां आकर काम कर रही है। कंपनी का अंग्रेजों की तरह संवेदनहीन रवैया तो समझ में आता है कि वे सिर्फ कमाने आए हैं। पर हमारी पालक भाजपा की शिवराज सरकार और उसके अधिकारयों ने कैसा अनुबंध करार किया है कि प्रदेश के बेरोजगार युवा मजबूर होकर मात्र ₹350 प्रतिदिन कमाकर परिवार चलाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं । शिवराज सिंह की सरकार क्यों इतनी निकृष्ट और संवेदनहीन बनी हुई है प्रदेश के मजदूर बेरोजगार युवाओं के प्रति यह समझ से परे है । इन्हीं कर्मचारियों को भोपाल में प्रदर्शन के लिए चिनार पार्क और रीगल पार्क में शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए भी अनुमति निरस्त करना भी सरकार की संवेदनहीनता प्रदर्शित करता है जो सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज है ।

इसके बिल्कुल उलट मुख्यमंत्री मामा शिवराज सिंह गरीबों मजदूरों के मसीहा होने की खुद ही सरकारी मंचों से डींगे हांक रहे हैं । इतना सतही और स्पष्ट मामा का दोगला व्यवहार राजनीतिक जगत में चिंता और चर्चा का विषय बना हुआ है कि एक तरफ अपने प्रदेश के युवाओं मजदूरों को अनसुना कर भाजपा का जनमत घटा रहे हैं । इसके विपरीत विपक्ष के नेता प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ इन कर्मियों से मिलकर भरोसा दिलाया कि ठेका परंपरा और आउटसोर्स भर्ती न्याय संगत नहीं है । कांग्रेस की सरकार बनी तो प्रदेश में इसे खत्म किया जाएगा ।

यह भविष्य की बात है बहराल प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह तो मजदूर युवा विरोधी निर्णय की बौछार करते जा रहे हैं ऐसा लग रहा है जैसे भाजपा का जनाधार घटाने का संकल्प ले चुके हैं। इससे नुकसान तो भाजपा को जनाधार का ही हो रहा है इस पर भाजपा के कामगार संगठन बीएएमएस के नेताओं का मौन रहना भी प्रदेश वासियों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है । प्रदेश भाजपा संगठन पदाधिकारी और चुनाव रचनाकर उसको समझ नहीं पा रहे हैं ? या भाजपा का जनमत घटाने की मुहिम में अप्रत्यक्ष शिवराज का साथ दे रहे हैं ।

हाल के प्रदेश सरकार के निर्णय से यही जाहिर हो रहा है है बानगी देखिए निकाय पदाधिकारियों के मंच से फिर घोषणा कर दी कि दिसम्बर 2020 तक जो जंहा रह रहा है उसे वंही पट्टा देकर बसाया जाएगा । ऐसी घोषणा 70 साल पुरानी बिनोद मिल मजदूर बस्ती वालों से 10 सालों से करते रहे थे उन्ही के प्रशासन ने 20 दिन पहले 170 निवास जे सी बी से ध्वस्त करा दिए शिवराज सिंह ऐसी फर्जी घोषणा बार बार क्यों कर रहे हैं ?

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