November 15, 2024

परछाई के साथ छोड़ने की कहावत कल चरितार्थ होगी:दिन सबसे बड़ा 13 घन्टे 34 मिनट तथा रात्रि सबसे छोटी 10 घन्टे 26 मिनट

-दोपहर 12.28 बजे सूर्य की किरणें लम्बवत होने के कारण परछाई शून्य हो जाएगी

उज्जैन,19 जून(इ खबर टुडे/ब्रजेश परमार)।कहावत है कि कभी साथ न छोड़ने वाली परछाई भी वक्त आने पर साथ छोड़ जाती है।कहावत सोमवार दोपहर खगोल विज्ञान के तहत चरितार्थ होगी ओर परछाई कुछ देर के लिए आपका साथ छोड़ देगी।21 जून को दोपहर 12 बजकर 28 मिनट पर सूर्य की किरणें लम्बवत् होने के कारण परछाई शून्य हो जायेगी ।

शासकीय जीवाजी वेधशाला अधीक्षक डा. राजेन्द्र प्रकाश गुप्त के अनुसार पृथ्वी के सूर्य के चारों ओर परिभ्रमण के कारण सूर्य 21 जून को उत्तरी गोलार्द्ध में कर्क रेखा पर लम्बवत होता है। कर्क रेखा की स्थिति लगभग 23 डिग्री 26 मिनट उत्तरी अक्षांश पर है। 21 जून को सूर्य की क्रान्ति 23 डिग्री 26 मिनट 14 सेकण्ड उत्तर होगी।

उज्जैन कर्क रेखा के नजदीक स्थित है। 21 जून को दोपहर 12 बजकर 28 मिनट पर सूर्य की किरणें लम्बवत् होने के कारण परछाई शून्य हो जायेगी। वेधशाला में इस खगोलीय घटना को शंकु यन्त्र के माध्यम से प्रत्यक्ष देखा जा सकता है।12 बजकर 28 मिनट पर शंकु की परछाई नहीं दिखेगी। 21 जून को सूर्य अपने अधिकतम् उत्तरी बिन्दु कर्क रेखा पर होने के कारण उत्तरी गोलार्द्ध में दिन सबसे बड़ा तथा रात्रि सबसे छोटी होती है।

21 जून को उज्जैन में सूर्योदय प्रातः 5:42 पर तथा सूर्यास्त सांय 7:16 पर होगा। इस प्रकार दिन सबसे बड़ा 13 घन्टे 34 मिनट तथा रात्रि 10 घन्टे 26 मिनट की होगी। 21 जून के बाद सूर्य की दक्षिण की ओर गति दृष्टिगोचर होगी। इसे दक्षिणायन का प्रारम्भ कहते है। 21 जून के बाद दिन धीरे-धीरे छोटे होने लगेंगे तथा 23 सितम्बर को दिन-रात बराबर होगें।

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