November 15, 2024

The Kerala Story/ममता बेनर्जी को झटका,पश्चिम बंगाल में रिलीज होगी ‘द केरल स्टोरी’, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

नई दिल्ली,19मई (इ खबर टुडे)। जब से द केरला स्टोरी रिलीज हुई है, तब से विवादों में है। और विवादों की वजह से फिल्म ने सुर्खियां भी खूब बंटोरी है। एक समुदाय के खिलाफ भड़काऊ फिल्म बताते हुए इस फिल्म की रिलीज पर पश्चिम बंगाल ने रोक लगा दी थी।

इस मामले में गुरुवार (18 मई) को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए बंगाल में फिल्म पर लगी रोक हटाने का आदेश दे दिया है। सुनवाई के दौरान पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से पेश हुए वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि फिल्म से लोगों के भड़कने का खतरा था।

इस पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि लोगों की भावनाओं के आधार पर आप मौलिक अधिकार बाधित नहीं कर सकते हैं। कानून-व्यवस्था संभालना सरकार का काम है। अगर किसी ज़िले की विशेष स्थिति के चलते रोक लगती तो अलग बात थी। आपने पूरे राज्य में रोक लगाई है।’

और क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने द केरला स्टोरी पर?
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, हम पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से फिल्म पर 8 मई को लगाई गई रोक को हटा रहे हैं। इस रोक का कोई पुख्ता आधार नज़र नहीं आ रहा है। हम तमिलनाडु सरकार के इस बयान को रिकॉर्ड पर ले रहे हैं कि उसने कोई रोक नहीं लगाई है। थिएटर मालिकों पर फिल्म न दिखाने के लिए कोई दबाव भी नहीं बनाया गया है। हम निर्देश दे रहे हैं कि फ़िल्म दिखाने वाले सिनेमा हॉल को पर्याप्त सुरक्षा दी जाए। सरकार या उससे जुड़े लोग सिनेमाघर मालिकों पर किसी तरह का दबाव न बनाएं।

द केरल स्टोरी को लेकर अभी पूरी तरह से स्थिति साफ नहीं हुई है। क्योंकि इस मामले में अब 18 जुलाई को सुनवाई होगी। चीफ जस्टिस ने कहा कि फ़िल्म पर रोक से मना करने के मद्रास और केरल हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ हम जुलाई के दूसरे हफ्ते में सुनवाई करेंगे।

खैर अब बैन पर स्टे लगने से द केरल स्टोरी पश्चिम बंगाल में रिलीज के लिए तैयार है। जल्द ही इसे पश्चिम बंगाल के थिएटरों में रिलीज किया जाने वाला है।

कर्नाटक चुनाव में भी हुई थी द केरल स्टोरी फिल्म की एंट्री
रिलीज के बाद से फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ का विवाद अदालतों से होते हुए कर्नाटक के चुनावी रण में भी पहुंच गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक चुनावी रैली में कहा था कि ये फिल्म केरल में चल रही आतंकी साजिश का खुलासा करती है। वहीं, कांग्रेस और लेफ्ट फ्रन्ट फिल्म को झूठ का पुलिंदा बता रहे थे। कर्नाटक चुनाव में बीजेपी को फिल्म का मुद्दा उठाना पता नहीं कितना लाभदायक रहा, लेकिन कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे बताते हैं कि कांग्रेस ने नफरत की राजनीति को खत्म करने के मुद्दे पर जो प्रचार अभियान छेड़ा था उसमें पूरी तरह कामयाबी हासिल की। और कांग्रेस कर्नाटक में पूर्ण बहुमत से जीत गई।

चुनाव के दौरान भी फिल्म पर रोक के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया था, लेकिन उसने सुनवाई से इनकार कर दिया था। लेकिन पश्चिम बंगाल में बैन लगने का मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया था, जिसपर से अब सुप्रीम कोर्ट ने बैन हटा दिया है।

क्या दिखाया गया है फिल्म द केरल स्टोरी के अंदर?
फिल्म केरल में युवा हिंदू लड़कियों के कथित धर्मांतरण और इस्लाम की कट्टरता के इर्द-गिर्द घूमती है। फिल्म में दावा किया गया है कि यह केरल की तीन युवा लड़कियों की सच्ची कहानियों पर आधारित है। लगातार चल रहे विवादों के बीच निर्देशक सुदीप्तो सेन की द केरला स्टोरी सिनेमा घरों में पहुंच गई। विवादों के चलते ही मेकर्स को फिल्म के ट्रेलर में भी बदलाव करना पड़ा। यूं देखा जाए तो सत्य घटनाओं पर आधारित फिल्म बनाना फिल्मकारों को हमेशा से आकर्षित करता आया है, मगर जब मेकर किसी सच्ची घटना को पर्दे पर उतारता है, तो उसकी जिम्मेदारी बढ़ जाती है।

काल्पनिक कहानियों में सिनेमैटिक लिबर्टी ली जा सकती है, मगर सच्ची घटनाओं पर आधारित फिल्म में छोटी-सी अतार्किक बात भी अखरती है और नतीजतन उसके प्रभाव को कम कर देती है। फिल्म केरल में युवा हिंदू लड़कियों के कथित धर्मांतरण और इस्लाम की कट्टरता के इर्द-गिर्द घूमती है। फिल्म में दावा किया गया है कि यह केरल की तीन युवा लड़कियों की सच्ची कहानियों पर आधारित है।

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