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श्रीकृष्ण धाम श्रीसांवलिया सेठ के मंदिर के भरे भंडारे : 17 करोड़ से अ​धिक का चढ़ावा

देश में भ​क्ति का इतना अ​धिक जुनून है कि लोग मंदिरों में दिल खोल कर चढ़ावा चढ़ाते हैं। द​क्षिण राजस्थान और मेवाड़ के प्रसिद्ध श्री कृष्ण धाम श्रीसांवलिया सेठ के मदिर में इतना चढ़ावा आया है कि तीन दिन से नोटों की गिनती जारी है। अभी तक 17 करोड़ से अ​धिक का चढ़ावा आ चुका है। अभी तक तीन चरणों की गिनती पूरी हाे चुकी है। उम्मीद है कि छह चरणों में नोटों की गिनती पूरी हो जाएगी। अभी तक सोने व चांदी के आभूषणों की गिनती बाकी है।


श्रीसांवलिया सेठ मंदिर में लोग अपनी मन्नतें पूरी करने के लिए आते हैं। यहां लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है। यदि मंदिर में भीड़ अ​धिक होगी तो यहा चढ़ावा भी अ​धिक ही आएगा। काफी समय से इस मंदिर की मान्यता बढ़ती जा रही है। जो लोग यहां मन्नत मांगते हैं, उनकी मन्नत पूरी भी होती है। श्रद्धा का ऐसा विश्वास इस मंदिर में देखा जा रहा है कि लोग भगवान को अपने कारोबार में सांझेदार बनाते हैं। मुनाफा होने पर यहां पर मोटी रकम चढ़ाते हैं। भगवान के हिस्से का जो कारोबार में मुनाफा होता है, उसे यहां चढ़ाने आते हैं। 13 मार्च को श्री सांवलिया सेठ का दानपात्र को खोला गया। इसके बाद यहां मिलने वाले नोटों की गिनती का काम शुरू हुआ। तीन चरण की गिनती पूरी हो चुकी है। अभी तक 17 करोड़ 24 लाख तथा 95 हजार रुपये की नकदी की गिनती की जा चुकी है। अब फिर से दूसरे चरण की गिनती शुरू हो गई है।


राजभोग आरती के बाद खोला भंडारा
श्रीसांवलिया सेठ मंदिर की सीईओ एवं प्रशासनिक अ​धिकारी प्रभा गौतम की मौजूदगी में 13 मार्च को राजभोग आरती के बाद भंडार खोले गए और नोटों की गिनती का काम शुरू हुआ। पहले चरण की गिनती में 7 करोड़ 55 लाख रुपये के नोट मिले। इसके बाद 17 मार्च को गिनती हुई। इसमें चार करोड़ 97 लाख 20 हजार रुपये की गिनती हुई। 18 मार्च को तीसरे चरण की गिनती में चार करोड़ 72 लाख 75 हजार रुपये के नोट मिले। अभी तक तीन चरण की गिनती पूरी हो चुकी है, जिसमें अब तक 17 करोड़ 24 लाख और 95 हजार रुपये की रा​शि मिल चुकी है। प्रभा गौतम ने कहा कि छह चरण में गिनती पूरी की जा सकती है।


ऑनलाइन व सोने चांदी की गिनती अलग
फिलहाल जो गिनती चल रही है, वह केवल भंडार में आई नोटों की है। इसके अलावा लोग ऑनलाइन भी दान करते हैं। वहीं काफी श्रद्धालु सोने व चांदी के आभूषण भी चढ़ाते हैं। फिलहाल नोटों की गिनती पूरी की जाएगी, उसके बाद सोने व चांदी के आभूषणों की गिनती होगी और बाद में ऑनलाइन दान को गिना जाएगा।

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